लखनऊ : कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की तरफ से एहितयाती कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारों ने स्कूल, कॉलेज, मॉल्स, सिनेमा हाल, पब और नाइट क्लब जैसी भीड़ भाड़ वाली जगहों को बंद कर दिया है जहां से वायरस फैलने की आशंका है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस के 15 मामले सामने आए हैं। वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार काफी सतर्कता बरत रही है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने कार्यकाल का तीसरा वर्ष पूरा करने जा रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बुधवार को अपनी सरकार के तीन साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश करते हुए उपलब्धियां गिनाईं। कोरोना वायरस के प्रति राज्य सरकार कितनी जागरूक एवं गंभीर है इसका पता इसी बात से चलता है कि खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ इस बीमारी को हल्के रूप में नहीं ले रहे। बुधवार को मीडिया को संबोधित करने से पहले उन्होंने खुद में इस वायरस की जांच कराई। एक डॉक्टर ने मुख्यमंत्री की थर्मल स्क्रीनिंग की। फिर इसके बाद आदित्यनाथ मीडिया को ब्रीफ करने पहुंचे।
संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपनी सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों का जिक्र किया। इसके पहले योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई और इस बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने वायरस से निपटने के लिए अहम निर्णय लिए।
योगी सरकार ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में इस वायरस से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज मुफ्त में कराएगी। साथ ही इस बैठक में दिहाड़ी मजदूरों के भरण-पोषण के लिए उन्हें एक निश्चित राशि उपलब्ध कराने पर भी फैसला हुआ। मुख्यमंत्री ने इस बारे में एक समिति गठित की है जो तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए योगी सरकार ने तहसील दिवस, समाधान दिवस और जनता दर्शन जैसे कार्यक्रमों को भी 2 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है।
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