Agnipath Scheme : सरकार की 'अग्निपथ' योजना पर कई राज्यों में युवाओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इस योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है। नवादा में छात्रों ने आगजनी की है। मुजफ्फरपुर, गया, छपरा, बक्सर, जहानाबाद, आरा, मुंगेर, बक्सर और सहरसा में छात्र सड़कों पर उतरे हैं। छात्र अपने भविष्य के लिए इस योजना को ठीक नहीं मान रहे हैं। छात्रों का कहना है कि इस योजना में स्थायी सेवा, पेंशन की व्यवस्था नहीं है और चार साल की सेवा के बाद उनका भविष्य असुरक्षित रहेगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत चार साल की सेवा दे चुके 25 प्रतिशत 'अग्निवीरों' को सेना में स्थायी किया जाएगा जबकि 75 फीसदी जवानों को केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों एवं उपक्रमों में होने वाली भर्ती में वरीयता दी जाएगी।
'अग्निवीरों' को वरीयता देंगे BJP शासित राज्य
केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित भाजपा शासित कई राज्यों ने 'अग्निपथ' योजना के जवानों को अपने यहां की नौकरियों में वरीयता देने की बात कही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि उनकी सरकार 'अग्निवीरों' को सेवा के उपरांत पुलिस व पुलिस के सहयोगी बलों में समायोजित करने में प्राथमिकता देगी। सीएम योगी ने अपने ट्वीट में कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मंशानुरूप 'अग्निपथ योजना' युवाओं को राष्ट्र व समाज की सेवा हेतु तैयार करेगी, उन्हें गौरवपूर्ण भविष्य का अवसर प्रदान करेगी। यूपी सरकार आश्वस्त करती है कि 'अग्निवीरों' को सेवा के उपरांत पुलिस व पुलिस के सहयोगी बलों में समायोजित करने में प्राथमिकता दी जाएगी।'
गृह मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट किया
चाल साल की सेवा के बाद 'अग्निवीरों' को केंद्रीय बलों में समाहित करने के बादे में गृह मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट किया। गृह मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के जरिए देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। उनके कार्यालय ने कहा कि इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
Agnipath Scheme: बक्सर से लेकर जहानाबाद तक उत्पात, अग्निपथ स्कीम का विरोध
इस योजना पर सरकार पर हमलावर है विपक्ष
'अग्निपथ' योजना का स्वागत भाजपा शासित राज्यों ने किया है जबकि विपक्ष इस योजना को लेकर सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि इस योजना के जरिए सरकार रक्षा बजट में कटौती करना चाहती है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार सेना को भर्ती का प्रयोगशाला बना रही है। वहीं, प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब अगले 96 दिनों में 40 हजार से अधिक अग्निवीरों की नियुक्ति होगी तो पिछले दो साल में जो नियुक्तियां होनी थी उनका क्या होगा।
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