आशीष मिश्रा जमानत केस में यूपी सरकार का सुप्रीम कोर्ट को जवाब, गवाहों को धमकाया नही गया

देश
गौरव श्रीवास्तव
गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Mar 29, 2022 | 14:52 IST

लखीमपुर हिंसा केस में गवाहों को धमकाने के मामले के साथ जमानत खारिज किए जाने के संबंध में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। यूपी सरकार का कहना है कि गवाहों को धमकाने का आरोप सही नहीं है।

Ashish Mishra Bail Case, Lakhimpur Kheri Violence Case, UP Government, Supreme Court
आशीष मिश्रा जमानत केस में यूपी सरकार का सुप्रीम कोर्ट को जवाब, गवाहों को धमकाया नही गया 
मुख्य बातें
  • आशीष मिश्रा की जमानद रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर है अर्जी
  • लखीमपुर खीरी हिंसा में आरोपी हैं आशीष मिश्रा
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली है जमानत

उत्तर प्रदेश सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर किया है। यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि यह कहना गलत है कि हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था। इसके साथ ही यूपी सरकार के वकील ने कहा कि गवाहों का यह कहना कि उन्हें धमकाया गया है या जा रहा है पूरी तरह से गलत है। सुप्रीम कोर्ट से  गवाह पर हमले के मसले पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हमले का मामले से कोई लेना-देना नहीं है और यह होली पर रंग फेंकने से जुड़ा है। यूपी सरकार कि ओर से अपील दायर करने का मसला उचित अधिकारियों के समक्ष है। जमानत के खिलाफ किसानों के परिजनों की याचिका सुप्रीम कोर्ट बुधवार को भी सुनवाई करेगा। 

पीड़ित परिवारों के आरोप में दम नहीं
यूपी सरकार ने पीड़ित परिवारों के आरोपों से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब। यूपी सरकार ने कहा है कि आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है। ये आरोप पूरी तरह से गलत है कि कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध नहीं किया। इलाहाबाद HC में भी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था। 

अदालत ने पिछली सुनवाई में क्या कहा था
मुख्य न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से कहा था, "यह क्या है? एक विशेष उल्लेख है कि एक गवाह पर हमला किया गया है। एक विस्तृत जवाबी हलफनामा दर्ज करें।"मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मामले में गवाहों की सुरक्षा हो।शुरूआत में, दवे ने मिश्रा को इस घटना से जोड़ने के लिए पर्याप्त सामग्री होने के बावजूद, उच्च न्यायालय के आदेश की आलोचना की, जिसमें मिश्रा को जमानत दी गई थी। 

प्रशांत भूषण की थी यह दलील
किसानों की तरफ से दलील पेश कर रहे प्रशांत भूषण ने कहा था कि कि इस मामले के मुख्य गवाहों में से एक पर हमला हुआ था। भूषण ने दावा किया कि गवाह पर हमला करने वाले लोगों ने यह कहकर धमकी दी कि अब जब भाजपा जीत गई है । उन्होंने बताया कि  अन्य सह-आरोपी भी उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर जमानत मांग रहे हैं। फरवरी में उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मिश्रा को जमानत दे दी थी। याचिका में कहा गया है कि परिवार के सदस्यों को शीर्ष अदालत का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उत्तर प्रदेश मिश्रा को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली अपील दायर करने में विफल रहा है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर