UP सरकार ने कोरोना वार्डों में मोबाइल फोन बैन करने के आदेश को लिया वापस

देश
किशोर जोशी
Updated May 24, 2020 | 16:50 IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया क्वॉरन्टीन सेंटर में मोबाइल फोन बैन करने के अपने विवादित आदेश को वापस ले लिया है। इस फैसले की विपक्ष ने खूब आलोचना की थी।

UP govt withdraws the order that banned the use of mobile phones in isolation wards in COVID19 hospitals
यूपी : कोरोना वार्डों में मोबाइल फोन बैन करने का आदेश वापस 
मुख्य बातें
  • यूपी सरकार ने अपने क्वॉरन्टीन सेंटर में मोबाइल फोन बैन करने का आदेश लिया वापस
  • अखिलेश यादव ने सरकार के आदेश पर साधा था निशाना
  • सरकार ने नए आदेश में कहा- अब आइसोलेशन वार्ड में होगी मोबाइल की अनुमति

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है जिसके तहत कोविड अस्पतालों में मरीजों के मोबाइल रखने पर प्रतिबंध लगाया गया था। दरअसल सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने काफी आलोचना की थी। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने योगी सरकार ने इस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया था। दरअसल इस आदेश में कहा गया था कि मोबाइल फोन से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है इसलिए जिन लोगों को क्वॉरन्टीन सेंटर में भेजा जाएगा उनके मोबाइल जमा कर लिए जाएंगे।

सरकार ने जारी किया नया आदेश

सरकार ने अपने नए आदेश में कहा है, 'पुराने आदेश में संशोधन करते हुए निम्न प्रतिबंधों एवं शर्तों के साथ रोगियों व स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमण को प्रभावी रूप से रोकने हेतु रोगियों को अपने निजी मोबाइल प्रयोग करने की अनुमति दी जा सकती है। आइसोलेशन वार्ड में जाने से पूर्व रोगी यह डिस्क्लोज करेगा कि उसके पास मोबाइल फोन व चार्जर है। आइसोलेशन वार्ड में मरीज के अंदर भर्ती होने से पहले मोबाइल व चार्जर को अस्पताल प्रंबंधन द्वारा डिसइंफेक्ट किया जाएगा।'

विपक्ष ने की आलोचना

इसस पहले योगी सरकार के आदेश को लेकर विपक्ष ने उनकी आलोचना की थी। कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर प्रतिबंध पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि ये पाबंदी इसलिए है ताकि अस्पतालों की दुर्दशा का सच जनता तक ना पहुंचे ।

अखिलेश बोले - मोबाइल को पाबंदी ठीक नहीं

अखिलेश यादव ने टवीट करते हुए कहा, 'अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे प्रतिबंध कर देना चाहिए।'मोबाइल ही तो अकेलेपन में मानसिक सहारा बनता है। वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था एवं दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसीलिए यह पाबंदी लगाई गई है। जरूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि अस्पतालों को संक्रमणमुक्त करने की है।'

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