घरों से दूर आंदोलन में डटे हुए हैं किसान, इधर महिलाओं ने संभाली खेती, चला रहीं ट्रैक्टर-फावड़ा

उत्तर प्रदेश के मेरठ में खेतों में महिलाएं काम कर रही हैं। वो फसलों से जुड़ी हुई हर गतिविधि में हाथ अजमा रही हैं। दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरुष किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं।

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खेतों में महिलाएं 

नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हु्ए हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी है। इस बीच तस्वीरें उनके घरों से आई हैं, जहां महिलाएं खेती संभाल रही हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ में महिलाएं खेत में काम कर रही हैं, क्योंकि परिवार के पुरुष सदस्य किसान आंदोलन में भाग ले रहे हैं। महिलाएं खेतों में ट्रैक्टर चला रही हैं। फसलों की कटाई कर रही है। फावड़ा चला रही हैं।

निशू चौधरी नाम की एक छात्रा ने बताया, 'मेरे परिवार के लोग पापा, चाचा, भाई और क्षेत्र के लोग किसान आंदोलन में गए हैं। इसलिए हम खेत में आकर काम कर रहे हैं। ताकि हमारी फसल खराब न हो।' 

सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा रही

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को सरकार के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रही। देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया। हालांकि, दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर से बैठक को लेकर सहमत हुए हैं। सरकार की ओर से कानूनों को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया। सरकार ने किसानों संगठनों को नए कानूनों को लेकर उनकी आपत्तियों को उजागर करने तथा बृहस्पतिवार को होने वाले वार्ता के अगले दौर से पहले बुधवार को सौंपने को कहा है। किसान संगठनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं हैं तब तक देश भर में आंदोलन तेज किया जायेगा।

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