नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक प्रदेश में अब सिर्फ उन्हीं दुकानदारों को तंबाकू, सिगरेट और खैनी वगैरह बेचने की परमीशन होगी जिनके पास लाइसेंस होंगे, सरकार का ये फैसला लोगों की सेहत को इससे होने वाले खतरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
गौर हो कि अभी सिर्फ राजधानी लखनऊ में ऐसा है अब इस आदेश के बाद अब सभी नगर निगम वाले शहरों में तंबाकू व सिगरेट की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा अब अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, वृंदावन-मथुरा, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर में भी इस प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है।
शासन ने इस सबंध में आदेश जारी कर दिया है।इसके तहत अस्थाई दुकानों के लिए लाइसेंस फीस 200 रुपये, स्थाई दुकानों के लिए एक हजार रुपये व थोक विक्रेताओं के लिए पांच हजार रुपये तय की गई है। आदेश के मुताबिक सभी नगरीय निकायों को अपने यहां उपविधि पास कर इसे लागू करवाने की कार्रवाई 31 जुलाई तक पूरी करनी है।
इन सेलर्स को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के नियमों का पालन करना होगा। शैक्षणिक संस्थानों से 100 गज की परिधि में कोई भी तंबाकू उत्पाद नहीं बेचा जा सकेगा। तंबाकू बिक्री और इससे नुकसान का साइनेज दुकान पर लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद नहीं बेचे जाएंगे और खुली सिगरेट बेचना प्रतिबंधित होगा।
बिना लाइसेंस के बिक्री करते हुए पाए जाने पर जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है। बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद की बिक्री करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 2000 रुपये जुर्माना व सामान जब्त कर लिया जाएगा। जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर 5000 रुपये जुर्माना देना होगा वहीं तीसरी बार पकड़े जाने पर 5000 जुर्माना वसूलने के साथ ही बिक्रेता के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।
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