मस्जिद से आने वाली अवाज को लेकर हाल ही में यूपी के इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने शिकायत की थी कि उनके आवास के समीप स्थित मस्जिद से सुबह के वक्त लाउडस्पीकर पर आने वाली अजान से उनकी नींद खराब होती है। उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की थी वहीं इसी क्रम में बलिया से भी ऐसा ही मामला सामने आ रहा है।
अब योगी सरकार में संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने इसको लेकर बलिया के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अपनी दिक्कत बताई है।
राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने डीएम को जो लेटर लिखा है उसमें लिखा है कि बलिया में स्थित मस्जिदों में नमाज के दौरान अजान, दिनभर लाउडस्पीकर के माध्यम से धार्मिक प्रचार-प्रसार, मस्जिद निर्माण हेतु चंदा एकत्र करने और विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को अत्यधिक तेज आवाज में प्रसारित किया जाता है, जिससे छात्रों के पठन-पाठन और बच्चों, वृद्ध व बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, साथ में जनसामान्य को अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है...
गौर हो कि हाल ही में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव की शिकायत के बाद प्रयागराज मस्जिद प्रबंधन ने इस संबंध में कदम उठाते हुए लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी है और उसकी आवाज को भी कम किया गया है। सिविल लाइंस मस्जिद के प्रबंधन का कहना है कि डीएम को वीसी के पत्र के बाद स्थानीय पुलिस ने उनसे संपर्क किया था। उन्होंने तदनुसार लाउडस्पीकरों की आवाज को कम कर दिया है, उनकी संख्या को भी घटाकर चार से 2 कर दिया गया है और उनकी दिशा बदल दी है ताकि वीसी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वीसी को कोई असुविधा न हो।
बता दें कि साल 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अफजल अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि पूजा के लिए कोई भी धर्म लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर जोर नहीं देता है। सिंह ने कहा कि प्रदूषण कानून के तहत रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक है लेकिन शादी, विवाह जैसे कार्यक्रमों के लिए अनुमति लेने पर लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल रात 12 बजे तक किया जा सकता है।
पिछले साल दिसंबर में शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में पर्यावरण संरक्षण और ध्वनि प्रदूषण पर अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार से मस्जिदों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में पर्यावरण संरक्षण और ध्वनि प्रदूषण पर अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार से मस्जिदों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी। शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है, 'मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार को एक अध्यादेश लाना चाहिए।'
मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की शिवसेना की मांग पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेाहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी थी ओवैसी ने कहा था कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पहले से ही कानून है। एआईएमआईएम नेता का कहना है कि जब आप 'एंटी मुस्लिम' होकर कोई बात कहते हैं तो तथ्यों के बारे में कोई परवाह नहीं करता क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को 'धर्मनिरपेक्ष' होने का प्रमाणपत्र दे दिया है।
(सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक हैं)
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