लखनऊ : उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की आरक्षण सूची मंगलवार को जारी कर दी गई। इस सूची के जारी हो जाने के बाद दबदबे वाले कई छत्रपों के सियासी मंसूबों पर पानी फिर गया है। कई क्षेत्रों में लोग अपनी उम्मीद के मुताबिक चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए थे लेकिन अनंतिम आरक्षण सूची जारी होने से उनके सियासी समीकरण को झटका लगा है। इसमें सैफई ब्लॉक प्रमुख की सीट भी शामिल है। सैफई ब्लॉक प्रमुख सीट पर मुलायम सिंह यादव परिवार का करीब 25 सालों से दबदबा रहा है। इस सीट पर यादव परिवार का करीबी काबिज होता आया है लेकिन इस बार यह सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हुई है। समझा जाता है कि किसी दलित महिला के ब्लॉक प्रमुख चुने जाने पर इस सीट पर मुलायम परिवार की बादशाहत खत्म हो जाएगी।
1995 ब्लॉक बना था सैफई
वर्ष 1995 में सैफई ब्लॉक बना था। तब से अभी तक यह पद अन्य वर्ग के अंतर्गत आरक्षित या अनारक्षित रहा है। यही नहीं सैफई गांव में प्रधान का पद भी आरक्षित घोषित हुआ है। सैफई ब्लॉक प्रमुख पद पर पहली बार मुलायम सिंह के भतीजे रणवीर सिंह यादव काबिज हुए थे। वे लंबे समय तक इस पद पर बने रहे। बाद में यह सीट धर्मेंद्र यादव के पास आई। धर्मेंद्र के सांसद बन जाने के बाद यह सीट तेज प्रताप यादव ने संभाली। इस तरह से लंबे समय से यादव परिवार से जुड़ा व्यक्ति सैफई ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी संभालता रहा है। लेकिन इस बार यह सीट दलित महिला के लिए आरक्षित हो गई है।
पंचायत चुनाव की बड़ी बातें
जसवंतनगर ब्लॉक भी महिला के लिए आरक्षित
अनंतिम आरक्षण सूची में ताखा ब्लॉक प्रमुख सीट को ओबीसी महिला बसरेहर को अनारक्षित, जसवंतनगर को महिला, भरथना को ओबीसी, बढ़पुरा को ओबीसी, महेवा को एससी और चकरनगर को अनारक्षित घोषित किया गया है।
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