Primary Schools in UP : उत्तर प्रदेश सरकार के नए फरमान के बाद राज्य के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक पसोपेश में पड़ गए हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह जारी अपने आदेश में कहा कि स्कूलों को 11 अगस्त से 17 अगस्त के बीच छात्रों को मिड डे मील के साथ स्पेशल भोजन-हलवा, खीर, लड्डू और फल देना होगा। हालांकि, इस स्पेशल मील के लिए राज्य सरकार की ओर से किसी फंड की व्यवस्था नहीं की गई है जिसके बाद शिक्षक परेशान हैं। शिक्षकों का दावा है कि चूंकि फंड की व्यवस्था नहीं की गई है, ऐसे में स्पेशल मील पर आने वाले खर्च का भुगतान उन्हें अपनी जेब से करना होगा।
मिड-डे मील के डायरेक्टर का निर्देश
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मिड-डे मील के डायरेक्टर विजय किरण आनंद ने गत दो अगस्त को सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किया। इस निर्देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के वर्क प्लान में स्पेशल मील शामिल करने के लिए कहा गया है। इस निर्देश में कहा गया है कि छात्रों को नियमित रूप से दिए जाने वाले मिड-डे मील से यह 'स्पेशल मील' अलग होगा। बता दें कि यूपी सरकार के 1.3 लाख प्राथमिक स्कूलों में 1.91 करोड़ छात्र पंजीकृत हैं।
शिक्षकों ने रोया अपना दुखड़ा
इस फरमान के बाद प्राथमिक शिक्षकों का दुखड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षकों का कहना है कि महंगाई में वृद्धि होने के बावजूद मिड-डे मील तैयार करने में आने वाली लागत में पिछले दो वर्षों से कोई इजाफा नहीं हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि इन दो वर्षों में दाल, सब्जी, तेल एवं एलपीजी की कीमत बढ़ गई है। मौजूदा समय में सरकार कक्षा एक से पांच के लिए प्रत्येक छात्र पर सरकार 4.97 रुपए और छह से आठ के लिए 7.45 रुपए खर्च के लिए देती है। मिड-डे मील तैयार करने में कन्वर्जन कॉस्ट अप्रैल 2020 में संशोधित हुई थी।
आगरा के बीएसए ने कहा-छात्रों को देंगे मिठाई
राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के सगंठन सचिव बृजेश दीक्षित ने कहा, 'हम राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत करते हैं लेकिन इस खर्च का बोझ शिक्षकों पर डालना न्यायसंगत नहीं है। इस स्पेशल मील के लिए सरकार को फंड जारी करना चाहिए। तीस छात्रों के लिए सात दिनों तक स्पेशल मील की व्यवस्था करने में कम से कम 3,500 रुपए की लागत आएगी।' आगरा के बीएसए प्रवीण कुमार ने कहा, '11 से 17 अगस्त तक छात्रों को स्पेशल डिश के रूप में मिठाई दी जाएगी। निर्देश आने के बाद मैं शिक्षकों से मिला हूं, उन्होंने इस पहल का स्वागत किया है। कोई भी शिक्षक फंड को लेकर मेरे पास नहीं आया है।'
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