Shrikant Tyagi Case: उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-93 की ग्रांड ओमैक्स सोसायटी में महिला से मामूली विवाद पर गाली-गलौज और धक्का-मुक्की के बाद श्रीकांत त्यागी जब चारों ओर (पीड़िता, सोसायटी, पुलिस और समाज) बुरी तरह घिरा तो उसकी सारी हेकड़ी निकल गई। मंगलवार (नौ अगस्त, 2022) को उसने पीड़िता को बहन जैसा बताया और सफाई में कहा कि उसके खिलाफ सियासी तौर पर साजिश रची गई है, ताकि उसे बदनाम किया जा सके।
'ये सियासी तौर पर बदनाम करने की साजिश'
कोर्ट से ले जाते वक्त उसने पत्रकारों से यह भी कहा, "मैं घटना पर खेद व्यक्त करता हूं। वह मेरी बहन की तरह हैं। जो कुछ भी हुआ वह सब राजनीतिक है और मुझे सियासी तौर पर बदनाम करने और नीचा दिखाने के लिए किया गया।" सूरजपुर कोर्ट ने मामले के आरोपी त्यागी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
राजनेता के संपर्क में है? यह फिलहाल नहीं साफ
नोएडा पुलिस ने इससे पहले बताया था कि त्यागी विधायक वाला स्टिकर अपनी कार पर इस्तेमाल कर रहा था। आरोप है कि यह स्टिकर उसे यूपी एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से दिया गया था। नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने मंगलवार शाम को बताया कि त्यागी शुरुआती तौर पर लखनऊ जाना चाहता था। हालांकि, अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि वह किसी राजनेता के संपर्क में था।
वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने पीड़िता से की बात
मेरठ से अपनी तीन गुर्गों के साथ दबोचे गए त्यागी को लेकर प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस ने बताया कि घटना से जुड़ा वायरल वीडियो पांच अगस्त, 2022 को सोशल मीडिया के जरिए उनकी मीडिया मॉनिटरिंग टीम के सामने आया था। पर पीड़िता की ओर से केस को लेकर शिकायत नहीं दी गई थी। बाद में पुलिस ने पीड़िता से संपर्क साधा और केस दर्ज किए जाने के बाद फरार आरोपी की तलाश में जुट गई।
लगातार लोकेशंस बदल रहा था 'भगोड़ा' त्यागी
पांच दिन फरारी काटने वाले 25 हजार रुपए के ईनामी त्यागी की धरपकड़ के लिए आठ टीमें लगाई गई थीं। वह लगातार अपनी लोकेशंस (मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, ऋषिकेश गया) और मोबाइल डिवाइसें बदल रहा था, जिसकी वजह से उसे ट्रेस करने में भी दिक्कत हुई। हालांकि, पुलिस के प्रयासों के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।
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