आगामी 18 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही है लेकिन इससे पहले 'अंससदीय' शब्दों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। लोकसभा एवं राज्यसभा में बहस के दौरान यदि इन शब्दों का इस्तेमाल यदि सांसद करेंगे तो उन्हें ‘असंसदीय’ माना जाएगा और उन्हें सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है।
लोकसभा सचिवालय के फैसले पर कैसी-कैसी टिप्पणी..राजनीतिक पार्टियों से आई है वो दिखा देती हूं । सबसे पहले टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का ट्वीट देखिए...'बैठ जाएं। बैठ जाइये। प्रेम से बोलें। लोकसभा और राज्यसभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। मूल रूप से सरकार ने विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह काम किया है। कैसे भाजपा भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है।'
महुआ मोइत्रा के बाद अब शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का ट्वीट देखिए...'यह पुराना मीम याद आ गया। अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह मीम अब हकीकत सा लगता है!'
राहुल गांधी ने तो इस लिस्ट को नए भारत की नई डिक्शनरी बता दिया.. ऐसे दर्जनों ट्वीट हैं..लेकिन कुछ लोगों ने सामने आकर बोला भी है अब मैं आपके सामने दस्ताबेज रख रही हूं । मेरे हाथ में देश के चार राज्य..छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और झारखंड की विधानसभा के असंसदीय शब्दों की लिस्ट है । मतलब वैसे शब्द जिन्हें पहले ही इन राज्यों की विधानसभा ने असंसदीय बताकर उस पर रोक लगा दी है । कुछ चुनिंदा शब्दों का जिक्र मैं यहां भी करना चाहती हूं ।
दर्शकों के सामने वो लिस्ट रख रही हूं-
अक्षम सरकार: छत्तीसगढ़ - असंसदीय
अनपढ़ टाइप: राजस्थान - असंसदीय
असत्य : राजस्थान -असंसदीय
आदिवासी: छत्तीसगढ़ -असंसदीय
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे:छत्तीसगढ़ -असंसदीय
औकात : छत्तीसगढ़, राजस्थान -असंसदीय
कईघाट का पानी पीना: झारखण्ड-असंसदीय
गधा: छत्तीसगढ़ -असंसदीय
गिरगिट : छत्तीसगढ़ -असंसदीय
भ्रष्टाचार : राजस्थान -असंसदीय
हत्या : छत्तीसगढ़ -असंसदीय
इसके अलावा भी कई शब्द है गुंडागर्दी, चोर, चोर-चोर मैसैरे भाई , दादागीरी, निकम्मा, नौटंकी, बेकार, बेवकूफ..मतलब शब्दों की लंबी फेहरिस्त है । अब इसमें से लोकसभा-राज्यसभा में कौन-कौन से शब्द लिए गए हैं..मतलब उसे असंसदीय बताकर उसके इस्तेमाल को रोक दिया गया है, उसकी लिस्ट देखिए-
काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, खालिस्तानी, विनाश पुरुष, तानाशाही, तानाशाह, अराजकतावादी, गद्दार, अपमान, गिरगिट, गूंस, घड़ियाली आंसू, असत्य, अहंकार, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, बेचारा, संवेदनहीन, जुमलाजीवी, बाल बुद्धि
ये तो हिंदी के शब्द हुए..लेकिन अंग्रेजी के भी कुछ चुंनिंदा शब्द हैं जिन्हें इस लिस्ट में रखा गया है । जैसे-कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट,सेक्सुअल हेरासमेंट, चीट करप्ट
जाहिर है ये लिस्ट आते सियासी तूफान उठना ही था..उसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला खुद सामने आए..उन्होंने इसे लेकर सफाई दी है
सवाल नंबर 1
संसद में असंसदीय शब्द रोकने पर हंगामा कितना जायज ?
सवाल नंबर 2
असंसदीय शब्दों पर रोक सबके लिए..विपक्ष को क्यों ऐतराज ?
सवाल नंबर 3
भष्टाचार को भष्टाचार, हत्या को हत्या, चोर को चोर नहीं तो क्या कहेंगे ?
सवाल नंबर 4
असंसदीय शब्द के साथ संसद में अमर्यादित आचरण रोकना ज्यादा जरूरी नहीं ?
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