नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में कृषि उपज मंडी समिति (APMC) परिसर में लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों द्वारा फूलगोभी की कम कीमत लगाने से परेशान एक सीमांत किसान ने 10 क्विंटल फूलगोभी को सड़क पर फेंक दिया। यह उसकी पूरी उपज थी। जहानाबाद शहर से आने वाले मोहम्मद सलीम को फूलगोभी बेचने के लिए 1 रुपए प्रति किलोग्राम की पेशकश की गई थी। ये APMC परिसर में लाने के लिए उसकी परिवहन लागत के बराबर था।
8 रुपए किलोग्राम की थी उम्मीद
उसने कहा, 'मेरे पास आधा एकड़ जमीन है जहां मैंने फूलगोभी की खेती की थी और बीज, खेती, सिंचाई, उर्वरक आदि पर लगभग 8,000 रुपए खर्च किए थे। इसके अलावा मुझे 4,000 रुपए की फसल और परिवहन लागत वहन करना पड़ा। वर्तमान में फूलगोभी का रिटेल प्राइज 12 से 14 रुपए प्रति किलोग्राम है और मुझे अपनी उपज के लिए कम से कम 8 रुपए प्रति किलोग्राम की उम्मीद थी। जब मुझे मात्र 1 रुपए प्रति किलो की पेशकश की गई, तो मेरे पास उसे घर वापस लाने के लिए जो लागत लगती तो उसे बचाने के लिए सारी उपज को फेंकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।'
किसान ने आगे कहा कि नुकसान ने मेरे परिवार को जिसमें 60 साल की मां, छोटे भाई, पत्नी और दो स्कूल जाने वाले बच्चे हैं, उन्हें भुखमरी के कगार पर डाल दिया है। मेरे भाई और मुझे अब परिवार के लिए कुछ मजदूरी करनी होगी।
एपीएमसी सचिव विजिल बाल्यान ने कहा, 'हम सब्जी फसलों की खरीद मूल्य के संबंध में किसी भी नियम को लागू करने में असहाय थे क्योंकि ये राज्य सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नीति के तहत नहीं हैं। सब्जियों की कीमतें आमतौर पर आपूर्ति की मात्रा से नियंत्रित होती हैं, हालांकि व्यापारियों को लाभ का प्रमुख हिस्सा कमाने की प्रवृत्ति है।'
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