उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कुछ समय पहले प्रदेश के गन्ना किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 418 करोड़ रुपये का भुगतान किया था और इसी के साथ 3 साल के कार्यकाल में 1,00,325 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य भुगतान का रिकॉर्ड बनाया था। अब एक नया कीर्तिमान योगी सरकार ने और स्थापित किया है। यह कीर्तिमान है सैनिटाइजर उत्पादन का। कोरोना महामारी के आने से पूर्व उत्तर प्रदेश में एक भी यूनिट सैनिटाजर के उत्पादन में सक्रिय नहीं थी और आज प्रदेश में 90 इकाइयां सैनिटाजर बना रही हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने टाइम्स नाऊ हिंदी से विशेष बातचीत में बताया था कि आज स्थिति यह है कि कोरोना संकट में उत्तर प्रदेश से 28 अन्य राज्यों और दूसरे देशों को भी सैनिटाइजर की आपूर्ति की जा रही है। उत्तर प्रदेश में निर्मित सैनिटाइजर कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से मणिपुर तक निर्यात किया जा रहा है। यह अपने आप में प्रदेश की बड़ी उपलब्धि है। कोरोना के संकट के शुरूआती चरण में मार्च प्रथम सप्ताह में अचानक सैनिटाइजर की कमी पड़ गई। ऐसे में गन्ना मिलों ने सैनिटाइजर बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद सैनिटाइजर का इतना उत्पादन किया कि प्रदेश में हर विभाग को हमने सैनिटाइज़र निशुल्क उपलब्ध कराया। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों को भी किफायती दरों पर सैनिटाइजर की आपूर्ति की।
सैनिटाइजर के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों का अहम योगदान है। लॉकडाउन के दौरान इन मिलों के चलते रहने से इनकी आजीविका में कहीं कोई दिक्कत नहीं आई। मिल और डिस्टलरीज ने प्रतिदिन 2,00,000 लीटर सैनिटाइजर बनाने की क्षमता प्राप्त कर ली है। 90 इकाइयों के द्वारा अब तक प्रदेश 1,18,43,950 लीटर से अधिक सैनिटाइजर का उत्पादन कर चुका है। लॉकडाउन के दौरान चीनी मिलों और डिस्टलरीज में लगातार सैनिटाइजर का उत्पादन होता रहा, जिसका नतीजा आज सभी के सामने है।
कोरोना जैसे संकट काल को भी योगी आदित्यनाथ ने अपने कुशल नेतृत्व, संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति से अवसर में बदलने का काम किया है। 23 करोड़ की आबादी के बीच कोरोना के संक्रमण को प्रभावी तरीके से नियंत्रण करना हो या कोरोना काल में लोगों के लिए रोजगार के अवसर तैयार करने हों, योगी आदित्यनाथ हर मोर्चे पर मुस्तैदी से डटे नजर आए। कोरोना काल में श्रमिकों, जरूरतमंदों, गरीबों को एक एक हजार रुपये की धनराशि बांटने से लेकर दिव्यांग, वृद्धावस्था और विधवा पेंशन की किश्तों का भुगतान कर सीएम योगी ने गरीब कल्याण के उदाहरण प्रस्तुत किए।
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