लखनऊ में आज बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ के नाम पर औपचारिक मुहर लगी। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक बाद सीएम योगी राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में शामिल हुए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहली बार किसी सीएम ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया और पार्टी दूसरी बार (उत्तर प्रदेश में) सत्ता में आई। ऐसा पहली बार हुआ है। यह पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में हुआ है। पिछले 5 वर्षों में पीएम मोदी के समर्थन से यूपी में कई विकास परियोजनाएं सफलतापूर्वक की गईं। पहली बार लोगों को लगा कि गरीबों के लिए घर बन सकते हैं, पहली बार लोगों को एहसास हुआ कि यूपी दंगा मुक्त हो सकता है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता ने तमाम दुष्प्रचारों के बावजूद 2022 के चुनाव में बीजेपी को बहुमत दिया। इतनी बड़ी आबादी का राज्य देश के अंदर मॉडल के रूप में प्रस्तुत हुआ, यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि टीम वर्क पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संरक्षण था। योगी ने कहा कि 2014 में गृह मंत्री अमित शाह ने एक संगठन की मजबूत नींव रखी थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में उनके व्यापक दौरे किए जिसकी वजह के उत्तर प्रदेश में भाजपा मजबूत होकर आई है। 2017 में मुझ पर पार्टी ने भरोसा किया। तब मैं एक सांसद था। शासन की किसी प्रक्रिया में कोई भागीदार नहीं था। 2017 से पहले सुशासन की कोई बात नहीं करता था। उस वक्त तो कोई सोचता भी नहीं था, आज ये सब संभव हो पाया है। 2017 से हम प्रदेश को कुशासन से सुशासन की तरफ ले गए। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। सुशासन को और कैसे सुदृढ़ करना है। इस पर हम सभी को कार्य करना है।
यूपी में बन सकते हैं 3 डिप्टी सीएम
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा और बेबी रानी उपमुख्यमंत्री बन सकती हैं। कल लखनऊ के इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ सरकार का शपथ ग्रहण समारोह है, उससे पहले आज पीएम आवास में गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। योगी के शपथ ग्रहण में पीएम मोदी खुद आ रहे हैं, इसलिए खबर है कि योगी खुद इकाना स्टोडियम जाकर तैयारियों का जायजा भी ले सकते हैं।
सपा सरकार में माफिया और गुंडे पुलिस के मालिक बन बैठे थे: शाह
इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि ये हम सभी के लिए गौरव का क्षण है, जब किसी मुख्यमंत्री को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिला है। जब से आम चुनाव शुरू हुए हैं, उस वक्त से उत्तर प्रदेश में ऐसा नही हुआ है। उत्तर प्रदेश में ज्यादातर समय राजनैतिक अस्थिरता का माहौल रहा। इसका नतीजा उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिवादी और परिवारवादी पार्टियों का उदय हो गया। समाजवादी पार्टी की सरकार में राजनीति का अपराधीकरण था। उत्तर प्रदेश की जनता इससे मुक्ति चाहती थी। 2017 का समय आया और यहां की जनता को उससे मुक्ति मिली। सपा सरकार में माफिया और गुंडे पुलिस के मालिक बन बैठे थे। गरीब की एफआईआर लिखवाने की हिम्मत नहीं होती थी। 2017 के बाद जब सत्ता में बदलाव हुआ, तो आप देख सकते हैं गुंडे और माफियाओं की क्या हालत है। सपा सरकार में उद्योगपतियों का सम्मेलन दिल्ली में होता था। क्योंकि कोई भी उद्योगपति लखनऊ आने के लिए तैयार नहीं होता था।
भाजपा नीत गठबंधन ने हाल के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 में से 273 सीटें जीतीं। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई वाले गठबंधन को 125 सीटें मिलीं।
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