MSME के लिए आर्थिक पैकेज मिलते ही एक्शन में योगी सरकार, लोन मेला शुरू

देश
आलोक राव
Updated May 14, 2020 | 11:29 IST

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath: एमएसएमई विभाग ने राज्य स्तर की बैंक कमेटियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए एक बार में 2002 करोड़ रुपए का लोन आवंटित किया है।

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath hands over cheques to people involved in MSME
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों को चेक वितरित किए।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • एमएसएमई को मिले राहत पैकेज के लिए सीएम योगी ने पीएम और एफएम को धन्यवाद दिया
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरू किया है ऑनलाइन लोन मेला, 2000 करोड़ रुपए के लोन बांटे जाएंगे
  • राज्य में उद्योग गतिविधियों को पटरी पर लाने और उन्हें दोबारा शुरू करने के लिए उठाए जा रहे कदम

लखनऊ : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) के लिए आर्थिक पैकेज जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक्शन में आ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई सेक्टर के लिए राहत पैकेज जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी। एमएमएमई विभाग ने राज्य को एक ही बार में 2002 करोड़ की राशि जारी की है। एमएमएमई सेक्टर के लिए योगी सरकार ने ऑनलाइन लोन मेला भी शुरू किया है।

मुख्यमंत्री योगी ने गुरुवार को कहा, 'मैं आर्थिक राहत पैकेज के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं। एमएसएमई विभाग ने राज्य स्तर की बैंक कमेटियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए एक बार में 2002 करोड़ रुपए का लोन आवंटित किया है। इसका लाभ 56,754 उद्योगों को मिलेगा।' इस बीच मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन लोन मेला के दौरान एमएसएमई सेक्टर से जुड़े लोगों को चेक वितरित किए। इस लोन मेला के दौरान 1600-2000 करोड़ रुपए के लोन बांटे जाएंगे। इससे करीब 36000 कारोबारियों को फायदा पहुंचेगा।

योगी सरकार राज्य के बंद पड़े उद्योग धंधों को दोबारा पटरी पर लाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। लॉकडाउन के दौरान अन्य प्रदेशों से गृह राज्य पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक वृहद योजना तैयार की गई है। राज्य सरकार अपने एमएसएमई उद्योग सहित अन्य विभागों के जरिए करीब 20 लाख रोजगार सृजन करने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि प्रदेश लौटने वाले प्रवासी मजदूरों में स्किल्ड लोग भी हैं जिनकी सेवाओं का सरकार उपयोग कर सकती है।

श्रम कानूनों में बदलाव करने के साथ राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने जा रही है। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में आने वाला है। सरकार का मानना है कि इस सेक्टर में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। 

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