नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में जांच बढ़ने के साथ ही कोरोना मरीजों कीं संख्या भी बढ़ने लगी है। अभी तक राज्य में व्यवस्था थी कि जो भी कोरोना पॉजिटिव पाया जाएगा उसे तुरंत कोविड केयर सेंटर में ले जाया जाता था। दिल्ली की तरह यूपी में रोगियों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन अब योगी सरकार ने इस नीति में थोड़ा बदलाव किया है। नई व्यवस्था के अनुसार, बिना लक्षण या कम लक्षण वाले रोगी अब होटल में आइसोलेट हो सकेंगे।
अभी लखनऊ-गाजियाबाद के लिए व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव, अमित मोहन प्रसाद ने आदेश जारी कर कहा है, 'जो लोग चिकित्सा के दौरान चिकित्सीय सुविधाओं के अतिरिक्त अन्य सेवाओं को बेहतर पाना चाहते हैं, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एल-1+ स्तर की लखनऊ एवं गाजियाबाद में नई व्यवस्था की गई है। इन सुविधाओं को शीघ्र ही अन्य जनपदों में भी लागू किया जाएगा। इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा होटल का अधिग्रहण कर एसिम्टोमेटिक मरीजों को वहां रखा जायेगा, जहां पर मरीजों को राजकीय चिकित्सा दी जाएगी।'
उन्होंने कहा, 'जिसके लिए डबल ऑक्युपेंसी हेतु 2,000 रुपए प्रतिदिन देय होगा। होटल के अधिकतम 25% कक्ष सिंगल ऑक्युपेंसी पर महिलाओं, छोटे बच्चों, 50 वर्ष से 65 वर्ष तक के व्यक्तियों को दिए जाएंगे। शेष 75 प्रतिशत कक्ष डबल ऑक्युपेंसी पर दिये जाएंगे।'
तबियत बिगड़ने पर अस्पताल जाना होगा
इसमें कहा गया है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, असाध्य रोग से ग्रसित तथा अभिभावक रहित छोटे बच्चों को यहां भर्ती नहीं किया जाएगा। L-1+ स्तर की इन सुविधाओं पर कोविड केयर सेंटर के समस्त प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। किसी भी मरीज की तबियत बिगड़ने की आशंका होने पर उसे तत्काल आवश्यकतानुसार एल-2 अथवा एल-3 अस्पताल में स्थानान्तरित कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में अवशेष धनराशि होटल प्रशासन द्वारा वापस कर दी जाएगी।
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