जौनपुर में दलितों के घर आगे के हवाले, विपक्ष और दलित संगठनों की चुप्पी पर उठ रहे हैं सवाल

देश
किशोर जोशी
Updated Jun 13, 2020 | 21:54 IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पिछले दिनों दलितों के कई घर आग के हवाले कर दिए गए। इस मामले में तमाम दलित नेताओं, चितंकों और कार्यकर्ताओं की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।

Uttar Pradesh Jaunpur Case 12 arrested, booked under NSA for attacking Dalits, Question on opposition's silence
जौनपुर: दलितों के घर आगे के हवाले, विपक्ष की चुप्पी पर सवाल 
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के जौनपुर में दलितों के कई घर किए गए थे आग के हवाले
  • 12 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार, दलित नेताओं और संगठनों की चुप्पी पर उठे सवाल
  • योगी सरकार की त्वरित कार्रवाई पर मायावती और राजभर ने की तारीफ

जौनपुर (लखनऊ): उत्तर प्रदेश के जौनपुर में इसी महीने के 9 जून को दलितों की एक पूरी बस्ती को आगे के हवाले कर दिया गया। खबरों के मुताबिक पहले दलितों के घरों में जमकर तोड़फोड़ की गई और फिर 500 के करीब लोगों की भीड़ ने बस्ती में आग लगा दी। आग लगने के साथ ही यहां रहने वाले लोग किसी तरह भागकर बचने में कामयाब तो रहे लेकिन कई मवेशी आग की भेंट चढ़ गए और उनकी मौत हो गई।  इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में भी जमकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और लोगों की सलेक्टिव चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।

सोशल मीडिया में लोग उठा रहे हैं सवाल
लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों इतनी बड़ी घटना पर दलितों के हितैषी कहे जाने वाले तमाम राजनीतिक दल, लोग और संगठन क्यों चुप्पी साधे हुए हैं। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने ट्वीट करते हुए सवाल किया, 'यह घटना सच है क्या?जौनपुर मे दलित बस्ती को नमाज़ियों ने फूँक दी पर दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले सारे दलित चिंतक कांग्रेस, मायावती , भीम आर्मी , JNU गैंग ,उदितराज, दिलीप मंडल ये सब मौन धारण किये हुए है।' लोग प्रियंका गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं।

क्या है मामला
आजमगढ़ जिले में महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के सिकंदरपुर आइमा गांव में 10 जून की देर शाम दलित समुदाय के लोगों की बस्ती की लड़कियों के साथ कुछ युवकों ने छेड़छाड़ की। बस्ती के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो एक विशेष समुदाय के लोगों ने लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से बस्ती पर हमला किया, जिसमें 12 लोग घायल हो गये थे। इस मामले में मुख्य आरोपी जावेद सिद्दीकी है जो समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं और पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जौनपुर सीट से उनकी दावेदारी भी थी लेकिन गठबंधन के चलते यह सीट बसपा के खाते में चले गई थी।

बीजेपी बोली- बिलोंं में दुबके दलित हितैषी
भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा, 'कल तक जो लोग अमरोहा की घटना को दलित विरोधी बता कर राजनीति कर रहे थे, वही जौनपुर में 9जून को दलितों के घर फूंके जाने की घटना पर चुप्पी साधे बैठे हैं। क्या सिर्फ़ इसलिए क्योंकि मुख्य आरोपी अखिलेश यादव का बेहद क़रीबी जावेद सिद्धीकी है? नूर आलम और जावेद समेत अन्य पर रासुका लगाया गया।' वहीं यूपी बीजेपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'ग़ज़ब है,तथाकथित दलित हितैषी बिलों में दुबके हुए हैं,जौनपुर में दलित भाइयों का घर फूंकने वाले आक्रांताओं के लिए उनके मुँह से एक शब्द ना फूट रहे,वजह जाननी है तो हमलावरों के नाम भर पढ लिजिए,समझ जाएंगे,बहरहाल योगी जी ने भरपूर इलाज कर दिया है,गुनाहगारों को जेल भी भेजा,रासुका भी लगाया।'

सलेक्टिव चुप्पी पर सवाल
जौनपुर में दलितों के साथ इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन ना प्रियंका गांधी, ना चंद्रशेखर आजाद, ना अखिलेश यादव, ना दलित नेता प्रकाश आंबेडकर और ना लेफ्ट नेताओं की तरफ से कोई बयान आया। चुप्पी पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जब उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 10 आदिवासियों की हत्या हुई थी तो तमाम नेताओं ने प्रतिक्रिया देने में जरा भी समय नहीं लगाया और प्रियंका गांधी तो तुरंत वहां पहुंच गई। वहीं नागरिकता कानून के समर्थन में चंद्रशेखऱ आजाद किस तरह रातों रात दिल्ली पहुंचे और फिर जामा मस्जिद जाकर प्रदर्शन किया ये जगजाहिर लेकिन जौनपुर की घटना को लेकर चुप्पी साध लेना कई सवाल खड़े करता है।

12 लोग गिरफ्तार, योगी सरकार ने दिया मुआवजा
इस मामले में पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों अम्मार, फैययाज, अली अहमद, मो अरसलान, मो अरशद, एहसान, खुर्शीद, नौशाद, लुकमान, आरिफ, शाहिद और अकरम को गिरफ्तार कर लिया है तथा फरार सात आरोपियों के खिलाफ 25-25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष से 10 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है । उन्होंने पीड़ित परिवारों को समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुमन्य एक लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं ।

मायावती और राजभर ने की योगी की तारीफ

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा, 'यू.पी में चाहे आजमगढ़, कानपुर या अन्य किसी भी जिले में खासकर दलित बहन-बेटी के साथ हुये उत्पीड़न का मामला हो या फिर अन्य किसी भी जाति व धर्म की बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीड़न का मामला हो, उसकी जितनी भी निन्दा की जाये, वह कम है।  खासकर अभी हाल ही में आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुये उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई को लेकर यू.पी के मुख्यमंत्री देर आये  पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है। लेकिन बहन-बेटियों के मामले में कार्रवाई आगे भी तुरन्त व समय से होनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।' वहीं सुहेलदेव पार्टी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर ने जौनपुर के साथ आजमगढ़ में दलित उत्पीड़न  के मामले में योगी सरकार की कार्रवाई को सराहा है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर