टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को गारमेंट का हब बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को गारमेंट का हब बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ई-बिड और ई- दस्तावेज जमा करने के लिए ई-टेंडर पोर्टल खुल गया है। इच्छुक निवेशक पांच अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन का विवरण https://etender.up.nic.in एवं विभाग की वेबसाइट www.handloom.upsdc.gov.in पर उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर (IAS) ने आवेदन शुरू होने की जानकारी देते हुए ट्वीट किया है। जानकारी के अनुसार, हथकरघा एवं वस्त्र विभाग की ओर से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर टेक्सटाइल पार्क और अपैरल पार्क के विकास के लिए निविदाएं/प्रस्ताव मांगे गए हैं। कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष राज्य में वस्त्र उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन हेतु उ.प्र. को गार्मेंटिंग हब बनाने जाने के संबंध में रोडमैप का प्रस्तुतीकरण किया गया था। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
अपर मुख्य सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग श्री रमारमण ने प्रस्तुतीकरण करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया था कि वर्तमान में प्रदेश में गार्मेन्टिंग की लगभग साढ़े चार हजार औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें से लगभग 3000 इकाइयां गौतमबुद्धनगर तथा शेष 1500 इकाइयां गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ तथा बरेली में स्थित हैं। इनसे लगभग ₹22,000 करोड़ का प्रतिवर्ष निर्यात होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के चलते जो कामगार/श्रमिक प्रदेश वापस लौटे, उनमें बड़ी संख्या में टेलरिंग एक्सपर्ट भी हैं। यूपी सरकार इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। राज्य में वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देना होगा, ताकि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो सकें। राज्य में एयर और रोड कनेक्टिविटी लगातार बेहतर होती जा रही है। इससे वस्त्रोद्योग को काफी लाभ होगा।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया था कि अगले 05 वर्षों में ₹20,000 करोड़ के निवेश से 20 लाख रोजगार सृजन की सम्भावना है। जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर एयरपोर्ट के 50 कि.मी. की परिधि में तथा यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) द्वारा निर्मित किए जा रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे प्रदेश के अन्य स्थानों पर कम से कम 05 अपैरल/गार्मेन्टिंग पार्कों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी तथा झांसी मण्डलों में भी ऐसे पार्कों की स्थापना की जा सकती है।
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