फिर से अजीब बयान दे गए तीरथ सिंह रावत- अमेरिका ने भारत को 200 साल तक बनाया था गुलाम

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Updated Mar 22, 2021 | 00:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Tirath Singh Rawat: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक बार फिर हैरान कर देने वाला अजीबो-गरीब बयान दिया है।

Tirath Singh Rawat
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली: तीरथ सिंह रावत हाल ही में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं। कुछ ही दिनों में उन्होंने एक के बाद एक ऐसे कई बयान दे दिए हैं, जो काफी विवादित रहे। अब उन्होंने एक और नया अजीबो-गरीब बयान दिया है। कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रबंधन की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हर घर में यूनिट 5 किलो राशन दिया गया। 10 थे तो 50 किलो, 20 थे तो क्विंटल राशन दिया। फिर भी जलन होने लगी कि 2 वालों को 10 किलो और 20 वालों को क्विंटल मिला। इसमें जलन कैसी? जब समय था तो आपने 2 ही पैदा किए 20 क्यों नहीं पैदा किए। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका ने भारत को 200 सालों तक गुलाम बनाकर रखा।

उन्होंने कहा, 'अन्य देशों के विपरीत भारत कोविड 19 संकट से निपटने के मामले में बेहतर काम कर रहा है। अमेरिका, जिसने हमें 200 वर्षों तक गुलाम बनाया और दुनिया पर राज किया, वर्तमान समय में संघर्ष कर रहा है।' 

फटी जींस को लेकर दिया बयान

इससे पहले उन्होंने महिलाओं के फटी हुई जींस पहनने को लेकर बयान दिया, जिस पर खूब बवाल हुआ। उन्होंने यह टिप्पणी अपनी एक महिला सह-यात्री को लेकर की थी, जो फ्लाइट में उनके बगल में बैठी थीं और एक एनजीओ चलाती हैं। उनकी पोशाक के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया था कि ऐसी महिला किस तरह के संस्कार देगी, जो ऐसी फटी हुई जींस पहनकर अपने घुटने दिखा रही हों।  

बयान पर मांगी माफी

हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उन्हें जींस से कोई ऐतराज नहीं है और वह खुद भी जींस पहनते थे। फटी जींस पहनने की बात उन्होंने संस्कारों के परिप्रेक्ष्य में कही थी। उन्होंने कहा, 'अगर किसी को लगता है कि फटी जींस ही पहननी है तो मुझे उससे कोई ऐतराज नहीं है। अगर किसी को बुरा लगता है तो मैं उनसे क्षमा मांगता हूं। अगर हम बच्चों में संस्कार और अनुशासन पैदा करेंगे तो वे भविष्य में कभी असफल नहीं होंगे।' स्वयं को सामान्य ग्रामीण परिवेश से आया व्यक्ति बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल के दिनों में जब उनकी पैंट फट जाती थी तो उन्हें डर लगता था कि कहीं गुरूजी डांटेंगे तो नहीं, दंड तो नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि यह अनुशासन और संस्कार था कि हम फटी पैंट पर पैबंद लगाकर स्कूल जाते थे।

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