नई दिल्ली: उत्तराखंड कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा, पार्टी की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश का हृदय गति रुकने से दिल्ली के उत्तराखंड सदन में निधन हो गया। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने बताया, 'वो यहां एक बैठक में शामिल होने के लिए आईं थीं। हार्ट अटैक के बाद उनका निधन हो गया।' उनके निधन पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। कुछ समय पहले ही ने उनकी हार्ट संबंधी सर्जरी भी हुई थी।
पीएम मोदी ने जताया दुख
डॉ. इंदिरा ह्रदयेश के निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताते हुए ट्वीट किया, 'डॉ. इंदिरा हृदयेश जी हर सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे रहती थीं। उन्होंने एक प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति'
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
इंदिरा ह्रदयेश के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा, 'उत्तराखण्ड राज्य की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं, मेरी बड़ी बहन जैसी आदरणीया श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान के श्री चरणों में प्रार्थना करता हूँ। स्वo इंदिरा हृदयेश जी से मेरा परिचय दशकों पुराना रहा है। उनसे सदा मुझे बड़ी बहन जैसी आत्मीयता मिली। विधानसभा में जनहित के मुद्दे उठाने में वे सदा अग्रणी रहती थीं।मैं इस कठिन समय में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति'
कांग्रेस की कद्दावर नेता
80 साल की इंदिरा ह्रदयेश का एक लंबा राजनीतिक जीवन रहा। वह 1974 में पहली बार अविभाजित उत्तर प्रदेश के लिए विधान परिषद की सदस्य चुनी गईं और फिर लगातार चार बाद इसकी सदस्य रहीं। दिवंगत मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के करीबी लोगों में शामिल इंदिरा को उत्तराखंड, विशेषकर कुमाऊं क्षेत्र में कांग्रेस का दिग्गज नेता माना जाता था। राज्य बनने के बाद जब पहली बार 2002 में विधानसभा चुनाव हुए तो वह हल्द्वानी से विधायक रहीं और तब से वह केवल एक बार यहां से चुनाव नहीं जीत सकी।
तिवारी और हरीश रावत के कार्यकाल में रहीं कैबिनेट मंत्री
जब-जब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार रही, इंदिरा ह्रदयेश कैबिनेट मंत्री रहीं। एनडी तिवारी सरकार में उनका दबदबा ऐसा था कि उन्हें सुपर मुख्यमंत्री तक कहा जाता था। लोकनिर्माण विभाग, संसदीय कार्य मंत्री, वित्त मंत्री जैसे अहम विभागों की मंत्री रहीं। एनडी तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत,तीनों के ही मुख्यमंत्री काल के दौरान उनके अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी रही। कांग्रेस में कलह के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री तक बनाने की बात कही गई थी।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उनके निध पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, 'अभी-अभी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डॉक्टर इंदिरा ह्रदयेश जी के निधन का दुःखद समाचार मिलकर मन अत्यंत दुखी है। इन्दिरा बहिन जी ने अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में कई पदों को सुशोभित किया और विधायिका के कार्य में पारंगत हासिल की। बहिन जी का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है।'
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।