देहरादून : दुनिया में कोरोना के नए रूप ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ने के बाद भारत में भी एहतियात बरता जाने लगा है। इस संक्रमण पर रोक लगाने के लिए राज्य अपनी तरफ से कदम उठाने लगे हैं। उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि बाहरी प्रदेश से उसके यहां आने वाले लोगों को आवश्वयक रूप से कोविड-19 के टेस्ट से गुजरना होगा। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है। विभाग का कहना है कि अन्य प्रदेश से आने वाले लोगों को सीमा पर रोक कर उनकी कोरोना जांच की जाएगी।
उत्तराखंड की डीजी स्वास्थ्य, डॉक्टर तृप्ति बहुगुणा ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, 'बाहरी राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों की कोविड आरटी-पीसीआर टेस्ट करने का निर्देश सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिया गया है। यह जांच प्रदेश की सीमा पर होगी। अधिकारियों से कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसकी जांच की जाए और यदि वह व्यक्ति पॉजिटिव मिलता है तो उसे 14 दिनों तक क्वरंटाइन में रखा जाएगा। राज्य के सभी प्रवेश द्वारों पर कोविड-19 की जांच की जाएगी।'
कोरोना के नए वैरिएंट बी 1.1.529 को ज्यादा संक्रामक और गंभीर बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें बहुत तेजी से फैलने की क्षमता है। यह वायरस टीके के बाद शरीर में बने प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देकर व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। कोरोना वायरस का यह नया रूप सबसे पहले बोत्सवाना में मिला। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका में लोग इस वायरस से संक्रमित मिले। डब्ल्यूएचओ ने इस वायरस को ओमिक्रोन नाम दिया है। कोरोना के इस नए संकट से खुद को दूर रखने के लिए दुनिया भर के देशों ने एहतियाती उपाय करने शुरू कर दिए हैं।
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