नई दिल्ली : कोरोना संकट के प्रकोप को देखते हुए कांवड़ यात्रा उत्तराखंड में इस साल भी स्थगित रहेगी। राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी किए हैं। दरअसल, कोरोना संकट के बीच हरिद्वार कुंभ आयोजित करने पर उत्तराखंड सरकार की काफी आलोचना हुई। महामारी के प्रकोप को देखते हुए कुंभ का समापन बीच में ही करना पड़ा। अब कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार कोई लापरवाही नहीं करना चाहती। कोरोना संक्रमण फैलने में कुंभ आयोजन को भी एक कारण माना जाता है। समझा जाता है कि अब कांवड़ यात्रा को अनुमति देकर उत्तराखंड सरकार अपने लिए एक और समस्या खड़ी नहीं करना चाहती इसलिए उसने एहतियातन यह फैसला किया है।
शहरी विकास विभाग ने जारी किए आदेश
मुख्य सचिव ओमप्रकाश के निर्देश के बाद शहरी विकास विभाग ने कांवड़ यात्रा से संबंधित आदेश जारी किए हैं। सावन के महीने में हर साल कांवड़ यात्रा में देशभर से श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं और पवित्र नदियों से जल भरते हैं। कांवड़ियों की आवाजाही से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा।
चार धाम यात्रा पर पहले ही रोक
देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के आने की आशंका है। इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा पर रोक लगाई चुकी है। हालांकि उसने इस यात्रा को जारी रखने का फैसला किया था लेकिन उत्तराखंड उच्च न्यायालय के बाद उसे अपना फैसला बदलना पड़ा। राज्य सरकार ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के निवासियों को एक जुलाई से हिमालयी धामों के दर्शन की अनुमति दी थी लेकिन उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गत 28 जून को राज्य सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी।
सावन महीने में उत्तराखंड आते हैं कांवड़िए
उत्तराखंड देवों की भूमि के रूप में विख्यात है। चार धाम यहीं स्थित हैं। ऐसे में उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा को विशेष धार्मिक महत्व है। सावन के महीने में यहां बड़ी संख्या में कांवड़िए हर साल नदियों का पवित्र लेने के लिए आते हैं। कांवड़ यात्रा सावन के महीने (जुलाई-अगस्त) के दौरान संपन्न होती है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।