उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी और साध्वी अन्नपूर्णा को पेश होने के लिए नोटिस भेजा है। इन पर हाल ही में हरिद्वार में आयोजित एक धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषण देने का आरोप है। जितेंद्र नारायण त्यागी को पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था। रिजवी ने हिंदू धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदल लिया था।
हरिद्वार कोतवाली थाने के एसएचओ राकेन्दर सिंह कठैत ने बुधवार को कहा कि हमने अब तक रिजवी और साध्वी अन्नपूर्णा को पेशी का नोटिस भेजा है। धर्मदास को भी नोटिस भेजा जा सकता है जो इस सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में तीसरे नामजद हैं।
इस बीच, धर्म संसद के आयोजकों द्वारा गठित एक कोर कमेटी के सदस्यों ने मंगलवार को पुलिस को एक आवेदन सौंपा जिसमें एक अज्ञात 'मौलाना' के खिलाफ उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए काउंटर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। यह पूछे जाने पर कि क्या मामले में काउंटर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी तो अधिकारी ने कहा कि सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जांच कैसे आगे बढ़ती है। उन्होंने कहा कि हम आयोजन के आयोजकों द्वारा गठित कोर कमेटी की ओर से जमा किए गए आवेदन पर गौर कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
धर्म संसद के नाम पर ये कैसी बोली? नफरत फैलाने वाले अब तक आजाद क्यों?
कथैट ने कहा कि पुलिस को जिम्मेदारी से जांच करनी होगी क्योंकि वह भी अदालत के प्रति जवाबदेह है। हम केवल आरोपों के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते और किसी को दंडित नहीं कर सकते। आरोपों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
16 से 19 दिसंबर तक आयोजित धर्म संसद में प्रतिभागियों द्वारा उत्तेजक और नफरत से भरे भाषण दिए गए थे।
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