नैनीताल: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने अभी तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और सबसे अधिक नुकसान नैनीताल जिले में हुआ है जहां 25 लोगों की जानें गई हैं। कई लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। खराब मौसम के बीच कई घंटे के संघर्ष के बाद मंगलवार शाम नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
लगातार बारिश के बाद जिस चार धाम यात्रा पर विराम लग गया था वह बुधवार से फिर से शुरू होगी। नैनीताल में मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ एक समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एएनआई को बताया, 'गढ़वाल क्षेत्र में स्थिति लगभग नियंत्रण में है, यहां तक कि 'यात्रा' भी वहां शुरू कर दी गई है। बद्रीनाथ, जोशीमठ से बद्रीनाथ तक के लिए यात्रा मार्ग खोल दिया गया है और 'चार धाम यात्रा' बुधवार से पूरी तरह से फिर से शुरू हो जाएगी।'
डीजीपी ने कहा, 'बारिश का सबसे ज्यादा असर राज्य के कुमाऊं इलाकों में देखा गया है, जिसमें नैनीताल, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर, चंपावत शामिल हैं।' सीएम धामी ने गढ़वाल और कुमाऊं का हवाई दौरा कर समीक्षा बैठक की। डीजीपी ने कहा, 'कुमाऊं में जलस्तर कम हो गया है, लेकिन मार्ग अभी तक नहीं खुले हैं, इसमें वक्त लगेगा। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में लगी हुई हैं, हजारों लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।' मुख्यमंत्री ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
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