उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आया 'जलप्रलय', भारी तबाही की आशंका

देश
किशोर जोशी
Updated Feb 07, 2021 | 13:02 IST

उत्तराखंड से चमोली जिले से ग्लेशियर टूटने की खबर है जिसकी वजह से आसपास के इलाकों में भारी तबाही हुई है। प्रशासन की टीम रेस्क्यू के लिए रवाना हो गई है।

Uttarakhand Water level in Dhauliganga river rises in Tapovan area of Chamoli district, casualties feared
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटा, भारी तबाही की आशंका 
मुख्य बातें
  • उत्तराखंड के चमोली जिले में आई भारी तबाही
  • ग्लेशियर फटने से आई तबाही, कई घर और ऋषिगंगा प्रजोक्ट पूरी तरह तबाह
  • मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से की पैनिक ना फैलाने की अपील

देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में आने वाले चमोली जिले में ग्लेशियर फटने की खबर है। पानी के तेज बहाव को देखते हुए कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती इलाकों को अलर्ट पर रहने को कहा गया। तपोवन ऋषि गंगा ग्लेशियर टूटने की खबर से लगातार जल स्तर बढ़ता जा रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि एनटीपीसी का तपोवन विष्णगाड़ प्रोजेक्ट 530 मेगावॉट है जो काफी बड़ा डैम है। पहला ऋषिगंगा प्रोजेक्ट 11 मेगावॉट का एक निजी कंपनी का है। अनहोनी की आशंका के चलते श्रीनगर गढ़वाल धारी देवी मंदिर और आस पास के गांवों को खाली करवाना शुरू कर दिया है। पानी के बहाव में कई घरों के बहने की आशंका है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा- 'चमोली जिले से एक आपदा की सूचना मिली है। जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों को स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिया गया है। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है।'

मुख्यमंत्री का ट्वीट

मुख्यमंकत्री त्रिवेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, 'चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है। एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं।'

चमोली पुलिस ने ट्वीट कर कहा है, 'आवश्यक सूचना, जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुँची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है,ज़िस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है कि  अतिशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।'

मदद के लिए नंबर जारी
सीएम रावत ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ - मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं । आप सभी धैर्य बनाए रखें।'

पानी का गुबार धुएं में तब्दील

चमोली जिले के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है। फिलहाल रेसक्यू टीम रवाना हो चुकी है। इस ग्लेशियर का रौद्र रूप वाला वीडियो सामने आया है। पानी का रौद्र रूप ऐसा है कि वो अपने साथ पहाड़ को ही साथ लेते हुए आ रहा है। जहां-जहां पानी गुजर रहा हैवहा धुएं के गुबार के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है। जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक फिलहाल 50 लोगों के गायब होने की खबर है। इस ग्लेशियर के फटने से 2013 की तबाही की यादें ताजा हो गई। इस हादसे में कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।

प्रशासन ने अभी भी मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है और हरिद्वार तथा ऋषिकेश में गंगा किनारे रहने वाले इलाकों को खाली करने को बोला गया है। प्रशासन ने इन इळाकों में अलर्ट जारी किया है। एसडीआरएफ तथा आईटीबीपी के कई जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं।

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