Varun Gandhi on farm bill: वरुण गांधी ने फिर उठाया किसानों का मसला, कहा- कृषि नीति पर फिर से विचार करने की जरूरत

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Updated Oct 23, 2021 | 18:04 IST

बीजेपी सांसद वरुण गांधी बीते कुछ समय से कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं। इस मसले पर वह अपनी ही पार्टी से अलग बयान दे रहे हैं। अब एक बार फिर उन्‍होंने कृषि कानूनों को लेकर ऐसी ही बात कही है।

Varun Gandhi on farm bill: वरुण गांधी ने फिर उठाया किसानों का मसला, कहा- कृषि नीति पर फिर से विचार करने की जरूरत
Varun Gandhi on farm bill: वरुण गांधी ने फिर उठाया किसानों का मसला, कहा- कृषि नीति पर फिर से विचार करने की जरूरत  |  तस्वीर साभार: BCCL

लखनऊ : भाजपा के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को कहा, 'कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।' वह पहले भी केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों का समर्थन करने के साथ समय-समय पर विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख से अलग विचार व्यक्त कर चुके हैं।

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को ट्विटर पर एक किसान द्वारा अपनी फसल जलाने का वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।'

'कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की जरूरत'

उन्होंने सवाल उठाते हुए आगे कहा, 'इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है।' वरुण ने कहा, 'एक किसान के लिए अपनी ही फसल में आग लगाने से बड़ी कोई सजा नहीं हो सकती है। हम सभी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्यों व्यवस्था ने उन्हें बिना किसी गलती के किनारे पर धकेल दिया है।'

भाजपा सांसद ने दावा किया, 'अगर हम उन लोगों की रक्षा नहीं कर सकते जो हमें खिलाते (अन्‍नदाता किसान) हैं, तो यह पूरे देश की विफलता है।' इसके पहले वरुण गांधी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत में भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर आम आदमी को उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है।

'...तो सरकार का क्या मतलब?'

वरुण ने ट्वीट किया था, 'तराई का ज्यादातर इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया गया है, ताकि इस विभीषिका के खत्म होने तक कोई भी परिवार भूखा न रहे। यह दुखद है कि जब आम आदमी को प्रशासनिक तंत्र की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तभी उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब सब कुछ अपने आप ही करना है, तो फिर सरकार का क्या मतलब है।'

वरुण ने गन्‍ना के मूल्य में वृद्धि की मांग समेत कई मौकों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किसानों की समस्या रेखांकित की है। उन्होंने लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले में भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और पार्टी लाइन से इतर अपनी राय रखी।

उन्होंने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा पर चार अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर घटना के संदिग्धों को तत्काल चिह्नित कर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की थी।

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