Vedanta Foxconn Plant And Politics:गुजरात में वेदांता और फॉक्सकॉन के प्लांट लगाने के ऐलान के बाद से महाराष्ट्र में राजनीति चरम पर है। शरद पवार से लेकर आदित्य ठाकरे, शिंदे सरकार पर हमला कर रहे हैं। उनका आरोप है कि महाविकास अघाड़ी सरकार ने जो प्रोजेक्ट महाराष्ट्र लाने का 90 फीसदी काम पूरा कर दिया था। उसे शिंदे सरकार ने एक झटके में जाने दिया। असल में महाराष्ट्र में वेदांता और फॉक्सकॉन प्लांट राजनीतिक मुद्दा बनने के पीछे FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की राजनीति है। क्योंकि वेदांता और फॉक्सकॉन मिलकर गुजरात में 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश से प्लांट लगाएंगे। और यह ऐलान ऐसे समय हुआ है, जब गुजरात में अगले दो-तीन महीने में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल के लिए चुनाव प्रचार के समय वोटरों को लुभाने के लिए एक अच्छी उपलब्धि मिल गई है। ऐसा अनुमान है कि अहमदाबाद में लगने वाले प्लांट से करीब एक लाख नौकरियां आएंगी।
गुजरात FDI में बन जाएगा नंबर वन !
अगर बीते वित्त वर्ष 2021-22 के आंकड़ों को देखा जाय तो गुजरात का FDI प्राप्त करने में छठां स्थान था। इस अवधि में राज्य में केवल 20,169 करोड़ रुपये FDI आया था । जिसकी वजह से गुजरात FDI निवेश के मामले में कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु से पिछड़ गया था। लेकिन 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश गुजरात के एक बार फिर नंबर वन पर पहुंचा सकता है। डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2021-22 के दौरान सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाला राज्य कर्नाटक है, जहां 38 प्रतिशत एफडीआई आया है। इसके बाद 26 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर और 14 प्रतिशत के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर है। लेकिन चालू वित्त वर्ष में अकेले 1.5 4लाख करोड़ रुपये के निवेश गुजरात में लगने वाले प्लांट में किया जा रहा है। इस प्लांट में एक बड़ा हिस्सा एफडीआई के जरिए निवेश किया जाएगा। जिससे गुजरात एक झटके में नंबर वन बन सकता है।
राज्य | FDI (2021-22) |
कर्नाटक | 1,63,795 करोड़ रुपये |
महाराष्ट्र | 1,14,964 करोड़ रुपये |
दिल्ली | 60,839 करोड़ रुपये |
तमिलनाडु | 22,396 करोड़ रुपये |
हरियाणा | 20,971 करोड़ रुपये |
स्रोत: DPIIT
महाराष्ट्र में राजनीति क्यों चरम पर
असल में ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन और वेदांता ग्रुप की पहले सेमीकंडटर और डिस्प्ले ग्लॉस प्रोडक्शन के लिए प्लांट लगाने की बात-चीत महाराष्ट्र सरकार से पहले से ही चल रही थी। उस वक्त राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी। और उनके बाद शिंदे सरकार भी कंपनियों से बात कर रही थी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कंपनी ने प्लांट के लिए जमीन भी देख ली थी। लेकिन ऐन वक्त पर कंपनियों ने गुजरात में प्लांट लगाने का फैसला कर लिया। नए निवेश के तहत 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। जो कि अभी तक के सबसे बड़े कॉरपोरेट निवशों में से एक है। और इस ऐलान के बाद विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह सरकार खुद के लिए खोखे और महाराष्ट्र के लिए धोखे निर्माण कर रही है। सरकार को जवाब देना होगा कि प्रोजेक्ट अचानक गुजरात क्यों चला गया।साफ है कि उद्योगपतियों को सरकार पर भरोसा नहीं है।
वित्त वर्ष | भारत में कुल FDI Inflow |
2021-22 | 83.57 अरब डॉलर |
2020-21 | 81.97 अरब डॉलर |
2019-20 | 74.39 अरब डॉलर |
2018-19 | 62.00 अरब डॉलर |
इस विपक्ष के हमले के बाद राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि गुजरात को परियोजना मिलने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से बात की थी। जिसके बाद पीएम ने आश्वासन दिया है कि इसी तरह की या बेहतर परियोजना महाराष्ट्र को दी जाएगी। शिंदे सरककार के इस दावे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तंज कहा है । केंद्र का महाराष्ट्र को यह आश्वासन देना कि उसे वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना की तुलना में एक बड़ी परियोजना मिलेगी, एक बच्चे को समझाने की कोशिश करने के समान है।
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