चेन्नई : किसी भी देश के नेता जब विदेश दौरे पर पहुंचते हैं तो उनके खाने की मेन्यू को बहुत सावधानी और उनकी खानपान की रुचि को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में ऐसा माना जाता है कि जब दो देशों के नेताओं की मुलाकात होती है तो सबसे ज्यादा बेतकल्लुफी वाले क्षण तभी आते हैं, जब वे खाने की मेज पर होते हैं। ऐसे में खाने का उम्दा स्वाद उनका मूड अच्छा बना सकता है और फिर आगे की बातचीत और रिश्तों में गर्मजोशी लाने में भी यह कारगर साबित होता है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत में हैं। तमिलनाडु के चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और वहां से महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) में शुक्रवार को जब शी पहुंचे तो उनका न सिर्फ शानदार स्वागत हुआ, बल्कि खाने की मेज पर भी ऐसे व्यंजन परोसे गए, जो न सिर्फ स्वाद में लजीज रहे, बल्कि इसमें कई संदेश भी छिपे हुए थे। अपने इस दौरे पर शी दक्षिण भारत में हैं और शुक्रवार देर शाम जब उन्हें रात्रिभोज दिया गया तो उसमें कई तरह के दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे गए।
शी आम तौर पर शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच रात का भोजन कर लेते हैं और इसलिए उनके लिए डिनर की व्यवस्था 6:45 बजे की गई थी। इसमें इस बात का खास ख्याल रखा गया कि ऐसे व्यंजन परोसे जाएं, जिसके स्वाद का वह आनंद ले सकें। शी के लिए यहां शाकाहारी (Vegetarian) और गैर-शाकारी (Non-vegetarian) दोनों तरह के व्यंजन परोसे गए, जिसमें भारतीय खानपान, खास तौर पर दक्षिण भारतीय व्यंजनों की विविधता भी नजर आई।
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