लखनऊ: राममंदिर निर्माण कार्य (Ram Temple Construction Work) शुरू होने के साथ ही विश्व हिन्दू परिषद (VHP) अपने अगले ऐजेंडे की ओर आगे बढ़ने लगी है। लव जिहाद, धर्मांतरण के साथ छुआछूत को खत्म करने जैसे मुद्दे को और धार देने की रणनीति बन रही है। हालांकि संगठन से जुड़े लोगों का मानना है कि छुआछूत विरोधी अभियान को संतो के माध्यम से 1990 से चलाया जा रहा है, बस अब इसमें गति देने की तैयारी है। इसके लिए भी संतो के सहारे आगे बढ़ने की योजना है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों दलितों के साथ हुई घटनाओं को लेकर विपक्षी दल वोट बैंक के लालच में उन्हें बरगलाने के प्रयास में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। संघ परिवार की कहीं न कहीं विरोधियों की जाति के सियासी गणित पर भी नजर है।
विश्व हिन्दू परिषद कई एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है जिसमें कोरोना संकट थमने के बाद दलित बस्तियों में सहभोज भी शामिल है। बस्तियों और घरों में संतो का सामूहिक भोजन की योजना तैयार की गयी है। विहिप के पदाधिकारी छुआछूत के खिलाफ अभियान कोरोना संकट के बीच संतो को लेकर बस्तियों में जाकर अपने तथ्यों और तकरें के हिसाब से आगे बढ़ाएंगे। विहिप इस बात को लेकर लोगों को जागरूक करेगा कि छुआछूत हिन्दू संस्कृति का हिस्सा नहीं है।
विहिप के धर्म प्रसार विभाग के क्षेत्र प्रमुख भोलेन्द्र ने बताया, छुआछूत के खिलाफ अभियान एक संयुक्त अभियान है। इसमें दुर्गावाहिनी, बजरंग दल, समरसता विभाग, धर्माचार्य, सेवा, सारे आयाम मिलाकर धर्म प्रसार के साथ काम कर रहे हैं। यह अभियान शुरू हो गया है। इसके लिए जिला चयनित किया गया है। अभी कुछ जिलों के ब्लाकों में यह विशेष अभियान चलाया जाएगा। समरसता विभाग बस्तियों में सहभोज आयोजित करेगा। इसके अलावा वाल्मिकि, अम्बेडकर, समेत अन्य महापुरूषों की जयंतियों को मनाया जाएगा।
रामजन्म भूमि केन्द्र बिन्दु में होने के कारण उप्र में अभी तक प्लानिंग के आधार पर कोई काम नहीं हुआ है। भोलेन्द्र ने बताया कि सर्वे होगा कि मिशनरी के कितने सेंटर हैं और वो क्या क्या कर रहे हैं। सर्वे कराया जाएगा कि मलिन बस्तियों में ग्रामीणों का धर्मांतरण तो नहीं हो रहा है।उन्होंने बताया कि उप्र में अभी तक राममंदिर का मुद्दा प्रमुख रहा है। इसीलिए अन्य एजेंडे जैसे धर्मांतरण, लैंड जिहाद, लव जिहाद जैसे मुद्दे पर काम जैसा होना चाहिए वैसा नहीं हो सका है। छुआछूत विरोधी समरसता अभियान पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। इसके लिए हमारे पास संतो की पूरी टोली है। जो जिले-जिले जाकर लोगों को समझाने का प्रयास करेगी। इसके लिए टोलियां बनायी जा रही है। वहीं, सर्वे और अन्य गतिविधियों पर भी काम होगा। अभी हरदोई, लखीमपुर, रायबरेली, सीतापुर, लखनऊ समेत अन्य कई जिलों में यह अभियान चलाया जाएगा। हमारा पूरा प्रयास है कि हिन्दू समाज किसी प्रकार से बंटे नहीं।
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