नई दिल्ली। यह नजारा महाराष्ट्र के नागपुर का है। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 15 मार्च से 21 मार्च तक पूरी तरह से लॉकडाउन लगाने का फैसला किया गया है। लेकिन जो तस्वीर सामने आई है उसे देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि किस तरह लोग अनुशासन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तस्वीरों को देखने के बाद ऐसा लग रहा है किसी को अपने जान की परवाह नहीं है।
सीताबुलडी में लोगों की उमड़ी भीड़
नागपुर के सीताबुलडी इलाके में जब लोगों को पता चला कि पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगने वाला है तो लोग इस तरह से घरों से बाहर निकल पड़े जैसे कि इससे पहले लोगों के पास कुछ भी नहीं था और ना आगे होगा। संकरी गलियों में हजारों की संख्या में सामान लेने के लिए बाहर निकले। ज्यादातर लोगों के मुंह पर मास्क नहीं। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से उल्लंघन होता रहा। कुछ लोगों से जब पूछने की कोशिश हुई कि ऐसा क्यों कर रहे हैं तो सिर्फ एक जवाब था कि एक हफ्ते तक लॉकडाउन लागू रहेगा लिहाजा वो रोजमर्रा की चीजें खरीद रहे हैं ताकि आगे किसी तरह की परेशानी ना हो।
कोरोना के बढ़ते केस के लिए म्यूटैंट जिम्मेदार
बुधवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा था कि महाराष्ट्र से जिस तरह से बढ़ते हुए आंकड़े वो चिंता की विषय है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए म्यूटेंट वैरिएंट जिम्मेदार नहीं है, बल्कि जिस तरह से लोग अनुशासन को तोड़ रहे हैं वो बड़ी वजह है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट भी बड़ी वजह है। इसके लिए राज्य सरकार को आगे आना होगा।
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