नई दिल्ली : गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीम मायावती ने कानपुर एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की है। जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने विकास दुबे को मदद पहुंचाने वाले लोगों पर सवाल उठाया। गांधी ने पूछा कि 'अपराधी मार दिया गया लेकिन उनका क्या जिन्होंने उसे मदद पहुंचाई।' बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को शुक्रवार सुबह कानपुर में मुठभेड़ में मार गिराया। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार चल रहे विकास को मध्य प्रदेश की उज्जैन पुलिस ने गुरुवार सुबह महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया। इसके बाद गुरुवार रात यूपी एटीएस की एक टीम विकास को उज्जैन से लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई।
मायावती ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'कानपुर एनकाउंटर मामले की जांच होनी चाहिए।' राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि मारे गए आठ पुलिसकर्मियों को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि पुलिस एवं अपराधी राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की पहचान की जाए और ऐसे लोग कानून की जद में लाए जाएं। केवल इस तरह के कदम उठाकर ही उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त घोषित किया जा सकता है।'
दो जुलाई को हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या
गत दो जुलाई को हिस्ट्रीशाटर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या उस समय कर दी जब पुलिस की टीम उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके बिकरू गांव पहुंची थी। स्थानीय पुलिस थाना चौबेपुर के एसएचओ पर आरोप है कि उसने पुलिस की दबिश की जानकारी फोन पर पहले ही विकास को दे दी। पुलिस के आने की सूचना पाकर विकास ने अपने साथियों को बुलाया और हमले की साजिश रची।
पूछताछ में विकास ने किए सनसनीखेज खुलासे
गुरुवार को उज्जैन में विकास के गिरफ्तार होने के बाद उसे लेने के लिए पहुंची यूपी की एटीएस टीम ने उससे पूछताछ की। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि विकास ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। विकास ने बताया कि पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद वह शवों को जलाना चाहता था लेकिन इसके लिए उसे समय नहीं मिला और उसे गांव छोड़कर भागना पड़ा। विकास के मुताबिक उसने अपने साथियों को अलग-अलग भागने की सलाह भी दी।
पुलिस ने कहा-आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं
विकास के एनकाउंटर पर यूपी पुलिस का कहना है कि जब वह गैंगस्टर को लेकर कानपुर पहुंची तो काफिले की एक गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस वाहन में पुलिसकर्मियों के साथ विकास भी सवार था। इस हादसे में पुलिसकर्मी जख्मी हो गए जबकि विकास ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर वहां से भागने लगा। इसके बाद पुलिस ने उसे रोकना चाहा तो उसने फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की जिसमें वह जख्मी हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत धोषित कर दिया।
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