कानपुर: कानपुर में देर रात विकास दुबे गैंग के अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित यूपी पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए। दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले दिकरू गांव में पुलिस का दल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था। इसी दौरान घात लगाकर बैठे अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई और पुलिसकर्मियों को बचने तक मौका नहीं मिला। इस वारदात में एके 47 जैसे हथियारों का प्रयोग किया गया।
किलेनुमा है विकास का घर
विकास दुबे का घर इसी गांव में है जो बिल्कुल किलेनुमा घर में रहता है जहां उसने असलहा और गोला बारूद एकत्र किया था। इस घर में विकास दुबे की इजाजत के बिना कोई नहीं घुस सकता है। विकास यादव हिस्ट्रीशीटर रहा है और उसके खिलाफ यूपी में अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, हत्या जैसे लगभग 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। विकास दुबे के बारे में कहा जाता है कि उसकी हर राजनीतिक दल में पैठ रही है। उसका खौफ ऐसा कि नेता भी उसका नाम लेने से डरते हैं।
थाने में घुसकर की थी राज्यमंत्री की हत्या
विकास दुबे की दंबगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 2001 में थाने के अंदर घुसकर तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पूरे देश में इसकी चर्चा हुआ लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ पाया। कहा जाता है कि उसका खौफ ऐसा था कि किसी पुलिसकर्मी ने भी उसके खिलाफ गवाही नहीं थी। साक्ष्यों के आधार पर वह बरी हो गया।
पहले भी दे चुका है कई वारदातों को अंजाम
विकास पर 2000 में शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या का भी आरोप लगा है। 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या का आरोपी भी विकास दुबे रहा था। इतना ही नहीं जेल में रहकर उसने रामबाबू यादव की हत्या की साजिश रची थी। कई हत्याओं को अंजाम देने वाले विकास दुबे ने 2018 में अपने चचेर भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था।
करोड़ों का है मालिक
विकास का खौफ ऐसा है कि जेल में रहते हुए वह शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव भी जीत चुका है। कहा जाता है कि मायावती सरकार के दौरान उसकी तूती बोलती थी और कई अवैध जमीनों की खरोद फरोख्त का भी आरोप विकास पर है। करोड़ों की संपत्ति का मालिक विकास दुबे ईंट भट्टों का मालिक होने के साथ साथ स्कूल और एक लॉ कॉलेज का भी मालिक है।
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