जुमे की नमाज के बाद हिंसा: यूपी समेत कई राज्यों में 400 से अधिक गिरफ्तारी, पश्चिम बंगाल में और हिंसा, झारखंड में तनाव

विवादित टिप्पणी के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल में हिसा बढ़ी और झारखंड में तनाव बरकरार।

more than 400 accused arrested in many states including UP, more violence in West Bengal, tension in Jharkhand
जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा को लेकर और गिरफ्तारियां हुईं। 

लखनऊ/कोलकाता/रांची : बीजेपी के दो बर्खास्त नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में अब तक 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश में दूसरे दिन भी आरोपियों के अवैध घरों को बुलडोजर चलाया। पश्चिम बंगाल के नदिया के बेथुआडाहारी रेलवे स्टेशन पर रविवार शाम को एक लोकल ट्रेन पर हमला करने और एक लोकल ट्रेन को नुकसान पहुंचाने सहित हिंसा और विरोध की छिटपुट घटनाएं हुईं, जबकि हावड़ा और मुर्शिदाबाद जिलों के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू जारी रही।

गिरफ्तार किए गए लोगों में, उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में 316 और पश्चिम बंगाल में 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि रांची पुलिस ने झारखंड में 10 जून को हुई झड़पों के लिए हजारों लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। राजधानी, और राज्य के अन्य हिस्सों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

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समाजवादी पार्टी समेत राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं ने विरोध के बाद अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को आपत्तिजनक बयानों के तुरंत बाद बोलना चाहिए था और कार्रवाई करनी चाहिए थी। 

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जबकि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हालांकि कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और उन्हें दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। और जब बातचीत से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, तो पथराव, आगजनी और अनियंत्रित व्यवहार के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेताओं और संगठनों को आग में घी नहीं डालना चाहिए।

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