केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने रामनवमी के अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में अशांति को लेकर जेएनयू से रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि इस मुद्दे को लेकर एबीवीपी और वाम दलों के छात्र संगठन आमने सामने हैं।केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि अगर नयी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुछ छात्रों ने रामनवमी के दिन मांसाहारी भोजन नहीं करने का रुख अपनाया तो इसमें कुछ गलत नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि कोई क्या खाना चाहता है, इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
10 अप्रैल को हुई थी झड़प
रविवार को रामनवमी के दौरान जेएनयू में दो छात्र गुटों के बीच हुई झड़प की निंदा करते हुए मंत्री ने कहा कि खाने की आदतों के मामले में लोगों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।आठवले ने कहा, ''मुझे लगता है कि सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। हमारा देश सभी समुदायों का है और सभी समुदायों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
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वेज और नॉनवेज पर हुआ था विवाद
उन्होंने कहा, ''रामनवमी हिंदुओं का एक पवित्र त्योहार है और ऐसे में मुझे लगता है कि अगर कुछ छात्रों ने उस दिन मांसाहार का सेवन नहीं करने का रुख अपनाया तो इसमें कुछ गलत नहीं है।''गौरतलब है कि वाम दलों से संबद्ध संगठनों की अगुवाई वाले जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों के बीच रविवार को छात्रावास में रामनवमी के दिन मांसाहार भोजन परोसे जाने को लेकर झड़प हो गई थीजेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के सदस्यों ने रामनवमी के दिन मांसाहार परोसने पर विद्यार्थियों और मेस कर्मियों पर हमला किया जबकि एबीवीपी ने कहा कि ‘‘वामपंथियों’’ ने रामनवमी के अवसर पर छात्रावास में की जा रही पूजा को बाधित किया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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