नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप देश अभी झेल ही रहा है कि अब इसके तीसरी लहर और उसके खतरे के बारे में बातें होने लगी हैं। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है। इसे टाला नहीं जा सकता लेकिन यह तीसरी लहर कब आएगी, इसके बारे में निश्चित रूप से अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। कोरोना की तीसरी लहर के बारे में वायरोलॉजिस्ट डॉ रवि ने भी चेताया है। डॉ. रवि ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को बड़े स्तर पर प्रभावित करेगी। इस तीसरी लहर से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर एक रणनीति तैयार करनी चाहिए। डॉ. रवि का कहना है कि कोरोना की यह तीसरी लहर अक्टूबर और दिसंबर के बीच आ सकती है।
'कुछ नीतिगत बड़े फैसले कर सरकार'
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, 'अगले साल अकादमिक वर्ष के लिए स्कूल खुलेंगे और तीसरी लहर में बच्चे पर खतरे को देखते हुए सरकार को कुछ नीतिगत बड़े फैसले करने चाहिए। बच्चों का टीकाकरण नहीं होने से उनके इस तीसरी लहर की गिरफ्त में आने का खतरा ज्यादा रहेगा।' कर्नाटक कोविड टेक्निकल सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. रवि ने कोरोना संक्रमति बच्चों का इलाज करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ढांचे को चुस्त-दुरुस्त रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास कोविड संक्रमित बच्चों का इलाज करने के लिए पर्याप्त संस्ख्या में कोरोना केयर वार्ड और आईसीयू नहीं है, हमें इसे तत्काल बढ़ाने की जरूरत है।'
स्वामी ने भी सरकार को आगाह किया
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी महामारी की इस तीसरी लहर के बारे में सरकार को चेताया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा निशाना बनेंगे। स्वामी ने कहा कि अब बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने सरकार से देश में कोरोना प्रबंधन की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सौंपने की सलाह दी है। \
'नई लहरों के लिए हम तैयार रहें'
केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी। उन्होंने कहा, 'हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।' नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित होकर घर में पृथक-वास में रह रहे लोगों और परिवारों को टेलीफोन पर परामर्श देने के लिए आगे आएं।
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