कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कहा कि वह 17 अगस्त को अपने परिसर में हुई हिंसा की सीबीआई जांच कराने की मांग करेगा, जिसके चलते विश्वविद्यालय को अनिश्चिकाल के लिये बंद करना पड़ा है। विश्वविद्यालय ने बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि हिंसा के दोषियों और इसका 'फायदा' उठाने वाले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने तक विश्वविद्यालय बंद रहेगा।
बयान में टीएमसी विधायक नरेश बौरी और पार्टी के दो अन्य नेताओं को हिंसा के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा गया है कि 'विश्वविद्यालय प्रशासन इस घटना की सीबीआई जांच की मांग करेगा।'
वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि विश्व भारती परिसर में तोड़फोड़ की घटना से उनका 'सिर शर्म से झुक गया है।' इसके साथ ही उन्होंने ममता से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि शांतिनिकेतन में भय का माहौल है और केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
प्रतिष्ठित संस्थान के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने फैसला किया है कि वे परिसर में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे।राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा, 'शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में 17 अगस्त 2020 की घटनाओं ने सभी को बेचैन कर दिया है। शर्म से सिर झुक गया है... शांति निकेतन में भय है, और अधिकारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि शांति निकेतन बंगालियों का सार और गौरव तथा संतोष व प्रेरणा का स्रोत है। 'इस जगह की हर यात्रा के बाद मैं काफी उत्साहित और ऊर्जावान महसूस करता हूं।' धनखड़ ने अपने तीखे पत्र में कहा, 'कैसी विडंबना है! हम इसे गुंडों से नहीं बचा सके, जिन्होंने पुलिस और प्रशासन के डर के बिना भारी तोड़फोड़ की... विश्व स्तर पर प्रशंसित संस्थान में तोड़फोड़ की।'
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