[VIDEO] वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने अकेले उड़ाया तेजस, स्वदेशी फाइटर जेट से है पुराना नाता

देश
प्रभाष रावत
Updated May 27, 2020 | 12:43 IST

IAF Chief Fly Single Seater Tejas: भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने अकेले स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी है। इस विमान के तैयार होने के दौरान वह खुद तेजस फाइटर जेट के टेस्ट पायलट थे।

Indian Air Force chief flew indigenous Tejas fighter jet alone
वायुसेना प्रमुख ने अकेले उड़ाया स्वदेशी तेजस फाइटर जेट  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • भारतीय वायुसेना प्रमुख ने उड़ाया सिंगल सीट वाला स्वदेशी लड़ाकू विमान
  • सुलूर एयरबेस पर नंबर 18 स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग बुलेट्स’ का संचालन किया शुरु
  • फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (FOC) वाले तेजस से लैस होगी 'फ्लाइंग बुलेट्स’ स्क्वाड्रन

नई दिल्ली: वायुसेना में स्वदेशी फाइटर जेट तेजस सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले लड़ाकू विमानों में से एक हैं। समय समय पर रक्षा मंत्री सहित कई अधिकारी इसमें उड़ान भरने को लेकर चर्चा में रहे हैं। आज एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ जब भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने अकेले स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को वायु सेना स्टेशन सुलूर में 45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग डेगर्स) के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को उड़ाया। उन्होंने सिंगल सीटर एलसीए में उड़ान भरी है।

भारतीय वायु सेना (IAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को सुलूर एयरबेस में नंबर 18 स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग बुलेट्स’ का संचालन शुरु किया। इसी दौरान वायुसेना प्रमुख ने वायुसेना स्टेशन सुलूर में सिंगल सीटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस उड़ाया।

आम तौर पर कोई बड़ा अधिकारी, रक्षा मंत्री या कोई और राजनेता जब तेजस में उड़ान भरते हैं तो दो सीट वाले तेजस का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें वह पीछे वाली सीट पर बैठते हैं लेकिन आरकेएस भदौरिया ने सिंगल सीट वाले तेजस में उड़ान भरी क्योंकि बहुत पुराने समय से वह इस विमान से वाकिफ हैं।

कभी तेजस के परीक्षण पायलट थे आरकेएस भदौरिया:

Air chief RKS Bhadauria in Tejas

दिलचस्प बात ये है कि आरकेएस भदौरिया तेजस विमान को तैयार करने के दौरान इसके टेस्ट पायलट रह चुके हैं और इस प्रकार उनका स्वदेशी फाइटर जेट से पुराना रिश्ता है और वह इससे अच्छी तरह वाकिफ भी हैं। पिछले दो दशकों में लाइट कॉम्बैट एयर क्राफ्ट (एलसीए) तेजस विमान के विकास के साथ उनका लंबा संबंध रहा है। वह तेजस को डिजायन करने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के साथ एक परीक्षण पायलट रहे हैं।

स्वदेशी विमान से लैस होगी फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन:

नंबर 18 स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स LCA तेजस को उड़ाने वाला दूसरा IAF स्क्वाड्रन होगा। पहली बार इस स्क्वाड्रन का गठन 15 अप्रैल, 1965 को किया गया था और यह MIG-27 फाइटर जेट्स को संचालित करने के लिए इस्तेमाल हो चुकी है। इस स्क्वाड्रन का आदर्श वाक्य है- 'तीव्र और निर्भय'। नंबर 18 फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन स्वदेशी रूप से विकसित LCA तेजस के FOC (फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस) विमान से लैस होगी।

एफओसी तेजस वो विमान हैं जो तनाव की स्थिति में किसी दुश्मन से देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा करने में सक्षम हैं। इसे शुरुआत में सुलूर एयरबेस पर ही रखा जाएगा लेकिन 18 तेजस विमान शामिल हो जाने के बाद इसे जम्मू कश्मीर भेजे जाने की संभावना है। तेजस की पहली स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग डेगर्स' में IOC (इनीशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस) वाले विमान हैं। बेंगलुरु में इन विमानों पर पायलट तेजस को उड़ाने में महारत हासिल कर रहे हैं।

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