भारत को अपने दो पड़ोसी मुल्कों से अलग अलग तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक का नाम पाकिस्तान तो दूसरे का नाम चीन है। चीन के साथ तनातनी चाहे वह लद्दाख की सीमा से जुड़ी हो या उत्तराखंड की सीमा से हर कोई वाकिफ है। लेकिन इन चुनौतियों के बीच भारतीय सैन्य बल जिस तरह से अपने इन पारंपरिक दुश्मन देशों का मुकाबला करते हैं वो भी जगजाहिर है। उत्तराखंड में चीन से जुड़े सीमावर्ती इलाकों में जीरो डिग्री तापमान से भी कम तापमान में बर्फ से ढंकी पहाड़ियों पर सैनिकों की गश्ती यह संदेश देती है, देश महफूज है।
जवानों का जोश हाई
आप देख सकते हैं कि किस तरह से आईटीबीपी के जवान एक क्रम में आगे बढ़ रहे हैं। जवानों ने एक दूसरे को रस्सी के सहारे पकड़े हुए हैं। पहाड़ियों पर कितनी मात्रा में बर्फबारी हुई होगी उसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं कि किस तरह से जवानों के पैर कितनी अंदर बर्फ के नीचे जा रहे हैं। जानकार कहते हैं कि बर्फ से लदी पहाड़ियों में गश्ती करने का यही सबसे सुरक्षित तरीका होता है। दरअसल भारी बर्फबारी की वजह से बर्फ की मोटी चादर बिढ़ जाती है और अंदाजा लगाकर जवान आगे बढ़ते हैं।
जानकार कहते हैं कि बर्फीली पहाड़ियों पर गश्ती के लिए जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। अगर बात आप उत्तराखंड की पहाड़ियों को करें तो यहां पर जिन इलाकों में गश्ती की जाती है वो भौगोलिक तौर पर मुश्किल पैदा करने वाले इलाके होते हैं। लेकिन हमारे जवान किसी तरह की मुश्किलों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। चीन के साथ किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना करने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।
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