कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने एक बार फिर से कांग्रेस में आंतरिक बदलाव की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी का इस्तीफा नहीं मांगा गया था, उन्होंने खुद से इस्तीफा दे दिया था।
शिमला पहुंचे आनंद शर्मा ने कहा- "हमने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दिया, हमने उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा। यह महत्वपूर्ण है कि नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस का अभिन्न बना रहे। कांग्रेस को समावेशी, सामूहिक सोच और दृष्टिकोण की आवश्यकता है।"
बताया जाता है कि आनंद शर्मा कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने हिमाचल चुनाव के लिए बनाई गई कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पर इस्तीफा दे दिया था। इस दौरे के दौरान जब आनंद शर्मा से इसे लेकर सवाल पूछा हया तो उन्होंने कहा कि यह उनके और कांग्रेस के अध्यक्ष के बीच मामला है। यह पार्टी का आंतरिक मामला है।
आगे कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि हम कांग्रेस में कुछ आंतरिक परिवर्तन लाते हैं, तो कांग्रेस का नवीनीकरण और पुनरुद्धार होगा। उन्होंने कहा- "ए ग्रुप या बी ग्रुप होने से कांग्रेस पुनर्जीवित नहीं हो सकती, कांग्रेस को सामूहिक रूप से पुनर्जीवित करना होगा।"
आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का दौर देखा है। उन्होंने कहा- मैं कांग्रेस का कट्टर समर्थक हूं, 51 साल पार्टी में रहा हूं। उम्र के इस पड़ाव में पार्टी नहीं छोड़ सकता हूं"।
आगे उन्होंने कांग्रेस में जारी गुटबाजी को लेकर कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस में नहीं है, यह बीजेपी में भी है। कई बीजेपी के नेता बागी रूख अपनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वो अलग तरह के नेता हैं, विरोधी नेताओं के साथ भी उनका संबंध रहा है। इसका अलग मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। राजनीति में निजी कटुता नहीं होनी चाहिए।
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