महंगाई के मुद्दे पर संसद में सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया गया। निचले सदन लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया कि विपरीत हालत में अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है। मुश्किलों के बाद भी इकनॉमी मजबूत है। हमें यह भी देखना चाहिए कि दुनिया में क्या हो रहा है और वह किधर जा रही है। दूसरे मुल्कों से तुलना करना ठीक नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा- हमें देखना होगा कि दुनिया में क्या हो रहा है और भारत दुनिया में क्या स्थान रखता है। विश्व ने ऐसी महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया।महामारी से बाहर आने के लिए हर कोई अपने स्तर पर काम कर रहा है, इसलिए मैं भारत के लोगों को इसका श्रेय देती हूं।
वह आगे बोलीं, "विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले दो साल में भारत को विश्व बैंक, आईएमएफ और दूसरी वैश्विक संस्थाओं द्वारा विश्व की विकास दर और भारत की विकास दर के बारे में कई बार आकलन है।
उनके अनुसार, "हर बार जब उन्होंने आकलन किया है। विश्व की विकास दर उस अवधि में अनुमान से कम रही है। भारत की भी विकास दर अनुमान से कम रही है, लेकिन हर बार भारत की विकास दर सर्वाधिक रही है।" हालांकि, वित्त मंत्री जब महंगाई पर विपक्ष के सवालों के जवाब दे रही थीं, तभी विपक्ष के सांसद हंगामा करने लगे थे।
दरअसल, सदन में विपक्ष की ओर से महंगाई को मुद्दा बनाते हुए सवालिया निशान लगाए गए थे। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि डॉलर के मुकाबले में रुपये की गिरावट देखकर लगता है कि अगर यह शतक लगा दे तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। सत्तापक्ष को महंगाई के लिए कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध को बहाना नहीं बनाना चाहिए।
वहीं, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गरीबों की आमदनी 2014 से नहीं बढ़ी और खर्च दोगुने हो गे। नौजवान सरकार से पूछ रहे है कि हम 50 प्रतिशत हैं लेकिन 28 प्रतिशत बेरोजगार क्यों हैं? आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि खाद्यान्नों और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर पांच प्रतिशत जीएसटी हाल में लगाई गई, जिससे आम आदमी प्रभावित हुआ है। क्या यह जरूरी थी?
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