नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को पटखनी देने के लिए जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार (5 सितंबर) से ही विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए उनके नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने, कांग्रेस के राहुल गांधी, आप के केजरीवाल, सपा के अखिलेश यादव, एनसीपी के शरद पवार समेत कई नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने बुधवार को कहा कि एक बार सोनिया गांधी विदेश से आएंगी तो मैं उनसे मिलूंगा। जरूरत पड़ी तो हम (विपक्षी नेता) फिर मिलेंगे। सबका नजरिया सकारात्मक था। हम मुख्य मोर्चा बनना चाहते हैं, तीसरा मोर्चा नहीं। विपक्ष को एकजुट करने का यह काम जारी रखूंगा।
इससे पहले आज नीतीश कुमार ने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की और कहा कि 2024 के चुनावों के लिए उनके गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जाएगा। विपक्षी गठबंधन की व्यापक रूपरेखा के बारे में कुमार ने कहा कि पहले साथ आना जरूरी है। नीतीश ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ एक विकल्प पेश करने का उचित समय आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है।
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नीतीश ने पवार के साथ 30 मिनट तक मुलाकात की उसके बाद मीडिया से कहा कि पवार और मैं दोनों उन विपक्षी ताकतों को एकजुट करना चाहते हैं, जो बीजेपी के साथ नहीं हैं। गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जा सकता है। पहले एक साथ आना जरूरी है।
बिहार में भाजपा से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और अन्य दलों के साथ सरकार बनाने के बाद कुमार राष्ट्रीय राजधानी के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं।
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बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए एक बार फिर दिल्ली आएंगे, जो निजी कारणों से विदेश यात्रा पर हैं।
कुमार ने भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य से भी मुलाकात की, जो उनके सबसे पुराने सहयोगियों में से एक हैं।
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