नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष ने यह कहकर नए सिरे से विवाद खड़ा कर दिया कि अगर सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह किसी ने विधानसभा चुनाव के अगले चरण में कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश की तो कूच बिहार जैसी घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि कूच बिहार जैसी हत्याएं विधानसभा चुनावों के अगले चरण में हो सकती हैं यदि 'शरारती लड़कों' ने कानून को अपने हाथों में लेने की कोशिश की। सीतलकूची में चौथे चरण की वोटिंग के दौरान CISF की फायरिंग में 4 युवकों की मौत हो गई थी।
भाजपा नेता के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टीएमसी ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की, जबकि माकपा ने कहा कि भगवा पार्टी के फासीवादी चेहरे को बेनकाब करती है।
अब हिम्मत नहीं होगी: घोष
घोष ने कहा, 'शरारती लड़कों को सीतलकुची में गोलियां मिलीं। अगर किसी ने कानून को अपने हाथों में लेने की हिम्मत की, तो यह उसके साथ भी होगा।' उत्तर 24 परगना जिला के बारानगर में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा, 'शरारती लड़कों ने माना था कि केंद्रीय बलों की राइफलें चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ दिखाने के लिए थीं। सीतलकुची में जो कुछ हुआ उसके बाद वही गलती करने की हिम्मत फिर नहीं होगी।'
विवादित बयान देते रहते हैं दिलीप घोष
सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ के जवानों से कुछ लोगों द्वारा 'राइफलें छीनने का प्रयास' करने के बाद केंद्रीय बल ने गोलीबारी की जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, '17 अप्रैल को भी (पांचवें चरण के चुनाव के दिन) केंद्रीय बल मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे। अगर उन्होंने अपने हाथ में कानून लेने का प्रयास किया तो सीतलकूची की तरह घटनाएं हो सकती हैं।' घोष पहले भी कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं।
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