क्या केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के दबाव में चली गई तपस पाल की जान? ममता बनर्जी का गंभीर आरोप

देश
लव रघुवंशी
Updated Feb 19, 2020 | 13:21 IST

Tapas Pal death: टीएमसी के पूर्व सांसद तपस पाल के निधन पर बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।

Tapas Pal
61 साल की उम्र में हुआ तपस पाल का निधन 

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के पूर्व सांसद और बंगाली अभिनेता तपस पाल की मौत को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दबाव ने कई लोगों की जान ले ली है। एजेंसियों के दबाव के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। सुल्तान अहमद (पूर्व टीएमसी सांसद), टीएमसी सांसद प्रसून बनर्जी की पत्नी का निधन और अब तपस पाल। 

उन्होंने कहा, 'लोगों को जेल हो रही है, लेकिन केंद्रीय एजेंसियां उनकी भागीदारी साबित नहीं कर पा रही हैं या यह निष्कर्ष नहीं निकाल पा रही हैं कि उन्होंने क्या अपराध किया। यदि कोई अपराध करता है, तो कार्रवाई का सामना करना चाहिए। लेकिन हम अभी भी नहीं जानते हैं कि तपस पाल और अन्य लोगों ने क्या अपराध किया था।'

मुंबई में हुआ निधन
61 साल के बंगाली फिल्मों के अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद तपस पल का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पाल अपनी बेटी से मिलने मुंबई गए थे। कोलकाता लौटते समय मुंबई एयरपोर्ट पर उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें जुहू के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह करीब चार बजे उनका निधन हो गया। उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले दो साल से उनका इलाज चल रहा था। 

 

CBI ने किया था गिरफ्तार
पाल को दिसंबर 2016 में रोज वैली चिट फंड घोटाले में कथित लिंक के लिए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था और 13 महीने बाद जमानत दे दी गई थी। वो 2001 से 2009 तक अलीपुर से TMC के विधायक रहे। इसके बाद 2009 से 2019 तक कृष्णानगर के सांसद थे। उन्होंने नंदिनी पॉल से शादी की। वर्तमान में वह बिग बॉस बंगला की प्रतिभागी हैं। उनकी एक बेटी है, जिसका नाम सोहिनी पॉल है, जो टॉलीवुड में एक्ट्रेस हैं।

कई फिल्मों में किया काम
29 सितंबर, 1958 को जन्मे पाल ने 22 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की और 1980 में अपनी पहली फिल्म दादर कीर्ति से लोकप्रियता हासिल की। बाद में उनकी साहेब (1981), परबत प्रिया (1984), भालोबासा भालोबासा (1985), अनुराग चोयान (1986), अमर बंधन (1986) सहित कई फिल्में लोकप्रिय हुईं। साहेब के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाल ने बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने माधुरी दीक्षित के साथ अबोध में अभिनय किया था।

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