नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और केंद्र सरकार के बीच आए दिन किसी न किसी मसले पर तनाव होता रहता है, लेकिन अभी सभी मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन इस बीच भी मतभेद सामने आ रहे हैं। अब केंद्र द्वारा स्थापित किए गए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों से विवाद गहरा रहा है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि गृह मंत्री ने मेरे राज्य में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों की यात्रा के बारे में दोपहर 1 बजे टेलीफोन पर मुझसे बात की। दुर्भाग्य से, हमारी बातचीत से बहुत पहले ही टीमें सुबह 10:10 बजे कोलकाता में पहुंच चुकी थीं। इसमें आगे कहा गया है कि केंद्रीय टीमों ने राज्य सरकार को पूरी तरह से अंधेरे में रखा और लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए बीएसएफ और एसएसबी जैसे केंद्रीय बलों से संपर्क किया। इसके अलावा टीमें राज्य सरकार से बिना किसी परामर्श के पहले ही मैदान में उतर गईं।
इससे पहले ममता बनर्जी ने पूछा कि राज्यों में लॉकडाउन मानदंडों के क्रियान्वयन का आकलन करने के लिए किस आधार पर छह अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दलों (IMCT) का गठन किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आकलन के आधार साझा करने को कहा, जिसके बिना उनकी सरकार आगे कोई कदम नहीं उठा पाएगी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'हम कोविड-19 संकट से निपटने के सभी रचनात्मक समर्थन और सुझावों का स्वागत करते हैं, विशेषकर केंद्र सरकार के... हालांकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत केंद्र सरकार किस आधार पर पश्चिम बंगाल सहित भारत के कई जिलों में आईएमसीटी स्थापित कर रही है यह स्पष्ट नहीं है।' ममता ने कहा कि मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी से इस संबंध में जानकारी साझा करने का आग्रह करती हूं। तब तक मुझे संदेह है कि हम आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिना किसी ठोस तर्क के यह संघवाद की भावना के खिलाफ होगा।'
केंद्र ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह आईएमसीटी का गठन किया है।
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