पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं को लेकर गिरफ्तार उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी के एक विधायक सवालों और जांच के घेरे में आ गए हैं। एसएससी स्कैम के सिलसिले में तृणमूल विधायक मणिक भट्टाचार्य को प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने समन किया है। उन्हें 27 जुलाई को दोपहर 12 बजे पेश होने के लिए कगा गया। भट्टाचार्य के घर सहित 13 ठिकानों पर तलाशी अभियान के बाद विधानसभा सदस्य को यह पहला समन है।
पार्थ की सरकारी कार विस को सौंपी
इस बीच, मंत्रिमंडल से हटाने की विपक्ष की तेज होती मांग के बीच चटर्जी की सरकारी कार विधानसभा को सौंप दी गई। अफसरों के अनुसार, ‘‘2011 में तृणमूल के सत्ता में आने और उनके मंत्री बनने के बाद भी वह इस कार का अभी तक इस्तेमाल करते रहे थे। उनके ड्राइवर को मौखिक रूप से इस कार को विस को लौटाने को कहा गया था। ’’ चटर्जी को यह कार और ड्राइवर विस ने 2006 में विपक्ष के नेता रहने के दौरान आवंटित की थी और तब से वह इस गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे थे।
मेडिकल जांच बाद कोलकाता लाए चटर्जी
भुवनेश्वर एम्स में मेडिकल जांच के बाद मंत्री को ओडिशा से सुबह कोलकाता लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि चटर्जी को ईडी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय लाया गया। इस दौरान वह व्हीलचेयर पर नजर आए। इससे पहले, भुवनेश्वर में प्रमुख चिकित्सा प्रतिष्ठान के चिकित्सकों ने कहा था कि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं है।
बनाए जा रहे बलि का बकरा- विपक्ष
बंगाल में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाला के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि इस बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेतृत्व को इस घोटाले की जानकारी नहीं थी,जो कथित तौर पर तब हुआ जब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। वहीं, माकपा की प्रदेश इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि भ्रष्टचार के मामलों में पकड़े जाने पर नेताओं से दूरी बनाने की टीएमसी की यह पुरानी तरकीब है।
समझिए, क्या है पूरा मामला?
प्रवर्तन निदेशालय ने सरकारी विद्यालयों और सरकारी सहायताप्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमिताओं की जांच के सिलसिले में 23 जुलाई को चटर्जी को गिरफ्तार किया था। जब यह कथित शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ था तब वह शिक्षा मंत्री थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चटर्जी को मंत्रिमंडल से तत्काल ‘बर्खास्त’ करने की अपील की है। सोमवार को बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मांग की थी कि चटर्जी को तत्काल मंत्रिपद से हटाया जाए। सीएम ने कहा कि अगर कोई गलत कार्य करने का दोषी पाया जाता है तो उसे दंडित किया जाना चाहिए और वह भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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