कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शहर के यादवपुर इलाके में सोमवार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हुए हमले को लेकर जादवपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर ही लाठी चार्ज कर दिया। स्टूडेंट्स के मुताबिक पुलिस ने न केवल छात्रों पर डंडे बरसाए बल्कि छात्राओं पर लाठीचार्ज किया। इस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके बाद साउथ सूबूरबन डिवीजन के डीसी सुदीप सरकार ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वो छात्रों से माफी मांगन के लिए तैयार है। वहीं छात्रों का कहना है कि आखिर किसने पुलिस को छात्राओं पर लाठीचार्ज करने की अनुमति दी। सुदीप सरकार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'जब हम भाजपा कार्यकर्ताओं का पीछा कर रहे थे, कुछ जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के छात्र भी भीड़ में घुस गए। हम उन छात्रों को भाजपा कार्यकर्ताओं की पहचान नहीं कर सके, जो टायर जला रहे थे। हमने जादवपुर यनिवर्सिटी के छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं किया है।'
घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने ट्वीट करते हुए कहा, 'कोलकाता पुलिस शांति बनाए रखने के लिए नागरिकों और कानून का पालन करने वाले छात्रों के साथ सहयोग करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। जादवपुर क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारी आपकी सहायता के लिए हैं। किसी भी सहायता या शिकायत के मामले में, कृपया हमसे तुरंत संपर्क करें। कोलकाता पुलिस अभी और हमेशा आपके साथ है।'
दरअसल जेएनयू परिसर में रविवार को हुए हमले के विरोध में जादववपुर विश्वविद्यालय के छात्रों, एसएफआई के कार्यकर्ताओं और अन्य वाम संगठनों के सदस्यों ने 8बी बस स्टैंड से सुलेखा मोड़ पर रैली निकाली। सुलेखा मोड़ पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए जिससे विवाद शुरू हो गया। खबरों के मुताबिक स्थिति को शांत करने के लिये तमाम प्रयासों के विफल होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद छात्र पुलिस स्टेशन पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ लाठीचार्ज की शिकायत दर्ज कराई।
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