पूर्व पीएम राजीव गांधी की 31वीं पुण्यतिथि पर राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा कर लिखा कि उनके पिता ने 21वीं सदी के भारत के लिए नीतियों पर काम किया। उनके पिता दयालू थे। लेकिन उसके ठीक उलट कांग्रेस के कद्दावर नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया और लिखा कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो....इस ट्वीट पर बवाल हुआ तो उन्होंने ट्वीट को डिलीट किया और फिर सफाई दी। लेकिन बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस का यही चरित्र है और 1984 के सिख विरोधी हिंसा से जोड़ा। दरअसल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी और सिखों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की थी। उस समय राजीव गांधी ने बयान दिया था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो...
बीजेपी को मिला मौका
एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस सांसद ने सफाई देते हुए लिखा कि 'ट्विटर खाते में मेरे नाम के साथ जो ट्वीट किया गया वह मेरे विचार नहीं हैं।' डिलीट किए गए ट्वीट को लेकर ट्रोलिंग शुरू हुई तो चौधरी ने आरोप लगाया कि उन्हें बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है। वो इस तरह की बात लिखना तो दूर सोच भी नहीं सकते। लेकिन बीजेपी को कांग्रेस को घेरने का मुद्दा मिल गया। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी के ट्वीट को देखिए और समझ सकते हैं कि केरोसिन कौन छिड़कता है।
अधीर रंजन चौधरी ने दी सफाई
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस ट्वीट की बात की जा रही है उससे उनका कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं लिखा है। उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है। लेकिन वो कहना चाहते हैं कि इस तरह के जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे। लेकिन बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी जो लंदन में बड़ी बड़ी बातें कर रहे थे वो अपने नेता से क्यों नहीं पूछ रहे हैं कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो उसका मतलब क्या है। दरअसल कांग्रेस के लोगों के लिए सत्ता में बने रहने के लिए या सत्ता हासिल करने के लिए कुछ हजार लोगों को मरवाना कठिन काम नहीं रहा है।
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