जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में बुधवार को एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। कश्मीरी अलगाववादी मलिक को 19 मई को उक्त मामले के तहत विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया गया था। यासीन मलिक का मुकदमा विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत में था। लंबी सुनवाई के बाद उन्होंने यासीन को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन कर रहे हैं।
56 साल के यासीन को सजा सुनाते समय न्यायाधीश ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की
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