कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। राहुल गांधी या गांधी परिवार के इस चुनाव में कैंडिडेट बनने को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। इस बीच अब यह भी खबर आ रही है कि कांग्रेस की गैर गांधी अध्यक्ष के रूप में अशोक गहलोत और केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपना नामांकन भर सकते हैं।
हालांकि, पार्टी अभी भी राहुल गांधी को मानने की पूरी कोशिश कर रही है। गांधी परिवार का अध्यक्ष नहीं बनने की सूरत में लोगों तक की दिलचस्पी और बढ़ गई है की की इन दोनो उम्मीदवारों में से किसे गांधी परिवार का समर्थन और आशीर्वाद मिलेगा। आज हम आपको यह बताने की कोशिश करते हैं कि आखिर देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है ? क्या कहता है कांग्रेस का संविधान? कैसे चुने जाते हैं वोटर जो इसमें अपना मतदान देंगे। क्या कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव पारदर्शी है ?
वैसे कहने को तो कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कांग्रेस को कोई भी साधारण सदस्य लड़ सकता है। बस उसे दस पीसीसी मेंबर का समर्थन चाहिए। दस प्रस्तावकों के साथ कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना दावा ठोक सकता है। बस उसे फिजिकली नामांकन के लिए मौजूद रहना होगा। देश भर में कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक चुनाव के जरिए 9 हजार पीसीसी डेलीगेट बनाए। ये ही मेंबर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव होने की स्थिति में वोट डालेंगे।
लेकिन विडंबना देखिए इतने बड़े देश में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अलावा कांग्रेस के डेलीगेट बनने के लिए कहीं चुनाव नहीं हुआ। लेकिन अब जबकि चुनाव तय माना जा रहा है उस स्थिति में सभी प्रदेश के मुख्यालय में वोट डाले जाएंगे। इसके लिए कांग्रेस की इलेक्शन अथॉरिटी ने पूरी तैयारी कर ली है। बैलट बॉक्स से लेकर बैलट पेपर छपवाने की तैयारी कर ली गई है। दो से ज्यादा नामांकन की सूरत में इन ये सारी सामग्री सभी राज्य इकाइयों को भेजा जाएगा।
इलेक्शन अथॉरिटी सिर्फ उस स्क्रिप्ट के हिसाब से काम कर रहा है। हालांकि हाल ही में मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाली कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी की बैठक हुई थी। इसमें हर प्रदेश के रिटर्निग अफसर शामिल हुए थे। उन्होंने चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में करीब 9000 से अधिक वोटर हिस्सा लेंगे। 20 तारीख से पहले इन सभी डेलीगेट्स को आइडेंटिटी कार्ड दिया जाएगा।
कांग्रेस के मुताबिक, 24 से 30 सितंबर तक नामांकन होगा। 7 दिनों तक नामांकन वापसी की प्रक्रिया चलेगी। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर देश के सभी प्रदेश में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में वोटिंग होगी। वोटर्स को आइडेंटिटी कार्ड साथ लेकर लाना होगा। जिस कार्ड में डेलिगेट्स का फोटो नहीं लगा होगा, उनके लिए आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा।
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