क्या है कृष्ण जन्म भूमि से जुड़ा विवाद, अयोध्या की तरह बदलेगी तस्वीर?

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शिशुपाल कुमार
शिशुपाल कुमार | Principal Correspondent
Updated Aug 23, 2022 | 01:01 IST

याचिकाकर्ताओं ने केशव देव मंदिर के परिसर से 17वीं सदी की शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की है। उनका दावा है कि मस्जिद भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर बनाई गई है।

Shri Krishna Janmabhoomi Case, Shri Krishna Janmabhoomi dispute
कृष्म जन्मभूमि को लेकर कोर्ट में पेंडिंग है मामला   |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद के साथ चल रहा है विवाद
  • कई सालों से जारी है विवाद
  • 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक पर जारी है विवाद

अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद की तरह ही मथुरा में भी एक जन्मभूमि विवाद है। यहां भगवान कृष्ण के जन्मस्थली की जमीन को लेकर सालों से विवाद चल रहा है। याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है कि यहां भी अयोध्या की तरह फैसला उनके हक में आएगा और यहां भी जमीन का मालिकाना हक हिंदुओं को मिल जाएगा। तब मथुरा की भी अयोध्या की तरह तस्वीर बदल जाएगी।

क्या है विवाद  

विवाद 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व से संबंधित है। इसमें से 10.9 एकड़ जमीन कृष्ण जन्मस्थान के पास है और बाकी 2.5 एकड़ जमीन ईदगाह मस्जिद के पास है। हिन्दू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाकर ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया था। इतिहास में दर्ज घटनाओं के अनुसार इस जगह पर कई बार मंदिर को तोड़ा और बनाया गया है। हालांकि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने ही करवाया था।

हुआ था समझौता

1950 के दशक में, भारत के उद्योगपतियों के एक संघ जिसमें रामकृष्ण डालमिया, हनुमान प्रसाद पोद्दार और जुगल किशोर बिड़ला शामिल थे, ने जमीन खरीदी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट का निर्माण करते हुए यहां भव्य केशवदेव मंदिर का निर्माण किया। तब समय के साथ ट्रस्ट ने पड़ोसी ईदगाह के साथ इस मुद्दे को सुलझा लिया गया और मस्जिद के हिस्से की जमीन ईदगााह को दे दी।

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अब क्या है मामला

अब जो मामले कोर्ट में गए हुए हैं, वो इसी समझौते के खिलाफ है। याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री, विष्णु शंकर जैन आदि की ओर इसी समझौते पर सवाल उठाया गया है। उनका कहना है कि ट्रस्ट को कोई अधिकार ही नहीं था कि वो ऐसा कोई समझौता करे। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि इस समझौते की कोई कानूनी वैधता नहीं है। 

क्या है हिन्दू पक्ष की मांग

हिन्दू पक्ष का दावा है कि उसका इस पूरे 13.37 एकड़ पर अधिकार है जो उसे मिलना चाहिए। क्योंकि इसी जमीन पर उनके इष्टदेव भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इस जमीन पर उनका ही अधिकार होना चाहिए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुद्दे पर 2020 से अब तक मथुरा की अदालतों में कम से कम एक दर्जन याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं।

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